चुनाव 2022 : मिर्जापुर मंडल में बीजेपी के लिए गुस्सा.. सपा बनेगी ‘रण’ विजय !

2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के नेत्रत्व में एनडीए ने मंडल की 11 सीटों कब्जा किया था  जबकि एक सीट निषाद पार्टी ने जीती। इस पूरे मंडल में फिलहाल बीजेपी के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है अब देखना ये होगा की बीजेपी कैसे सत्ता विरोधी लहर से अपने को बचाते हुए सत्ता का रण पार करती है या फिर समाजवादी पार्टी यहां रण विजय करती है।  

मिर्जापुर : विंध्याचल शक्तिपीठ और देवकीनंदन खत्री की चंद्रकांता यहां की पहचान है। हम बात कर रहे हैं मिर्जापुर मंडल की जहां धर्म और सियासत रगों में खून बन कर दौड़ता है। दिग्गज नेताओं की राजनीति को मंडल ने पाला-पोसा है। 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के नेत्रत्व में एनडीए ने मंडल की 11 सीटों कब्जा किया था  जबकि एक सीट निषाद पार्टी ने जीती। इस पूरे मंडल में फिलहाल बीजेपी के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है अब देखना ये होगा की बीजेपी कैसे सत्ता विरोधी लहर से अपने को बचाते हुए सत्ता का रण पार करती है या फिर समाजवादी पार्टी यहां रण विजय करती है।

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विंध्य कॉरिडोर, हर घर नल से जल, मेडिकल कॉलेज जहां सत्ताधारी बीजेपी के पास गिनाने के लिए हैं, वहीं हद से ज्यादा पिछड़े और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास आज भी बाट जोह रहा है। इस विधानसभा चुनाव में अभी ये बात सामने आ रही है कि जो दल भी जातिगत समीकरणों को इस मंडल में साध लेगा मतदाता उसे सिर माथे लगा लेगा।

मिर्जापुर सीट जनसंघ के समय से बीजेपी का गढ़ रही है, भगवान दास, विजय बहादुर, आशाराम, राजनाथ सिंह और डॉ. सुरजीत डंग ने लगातार कमल खिलाया। 2012 के चुनाव में ये सीट सपा ने जीत ली लेकिन 2017 में बीजेपी के रत्नाकर मिश्रा विधायक चुने गए। चुनार की बात करें तो 93 में बीजेपी नेता ओमप्रकाश सिंह जीते और 4 बार विधायक रहे, 2012 में सीट सपा के पाले में गई। इस समय ओमप्रकाश के बेटे अनुराग विधायक हैं।

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त्रिपाठी परिवार का जलवा 

मड़िहान सीट वर्ष 2012 में अस्तित्व में आई पहले चुनाव में ही सीट पर त्रिपाठी परिवार का कब्जा हो गया और कमलापति के पौत्र ललितेश विधायक हुए, जबकि इससे पहले ये राजगढ़ विधानभा में आती थी। कमलापति त्रिपाठी के बेटे लोकपति त्रिपाठी राजगढ़ से कई बार विधायक चुने गए। 2017 में बीजेपी के रमाशंकर पटेल ने ललितेश को हरा दिया।

संभावना अपार, झोली खाली 

चुनार किला, सिद्धनाथ की दरी, विंढम व टाडा जलप्रपात ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिन्हे यदि थोड़ा सा भी सरकारी साथ मिल जाए तो ये बदले में झोली भर दे लेकिन आज तक किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग भी अंतिम सांस गिन रहा है। विश्वविद्यालय ना होने के चलते मंडल के बच्चे दूसरे जिलों का रुख करते हैं। परिवहन के लिए सड़क और पुल की दरकार है लेकिन यहां भी कोई सुनवाई नहीं। यदि सरकार इस तरफ ध्यान दे तो खनन से ना सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी। अधिकांश हॉस्पिटल में डॉक्टर और दवाएं दोनों नहीं मिलते। पानी में फ्लोराइड, आयरन लोगों को बीमार बना रहा है। कालीन का हब कहा जाने वाला भदोही सड़क और पुलों को तरस रहा है।

अब देखिए मंडल की सभी सीटों का सियासी गणित

मिर्जापुर पांच सीट

मिर्जापुर नगर : बीजेपी के रत्नाकर मिश्र विधायक हैं।

जातिगत समी.  : वैश्य 60 हजार, ब्राह्मण 40 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, 22 हजार यादव,  कायस्थ 20 हजार, मौर्य 15 हजार पटेल व बिंद 10-10 हजार और मुस्लिम 40 हजार।

मझवां : बीजेपी की शुचिस्मिता मौर्य विधायक हैं।

जातिगत समी. : ब्राह्मण और बिंद 60-60 हजार, कुशवाहा 30 हजार, क्षत्रिय 20 हजार, पटेल 16 हजार और मुस्लिम 22 हजार।

चुनार : बीजेपी के अनुराग सिंह विधायक हैं।

जातिगत समी. : कुर्मी 1.30 लाख,  निषाद, यादव, प्रजापति, लोहार, चौहान, राजभर, रौनियार व बियार एक लाख, ब्राह्मण, क्षत्रिय व कायस्थ 25 हजार, अनुसूचित जाति 50 हजार।

मड़िहान : बीजेपी के रमाशंकर पटेल विधायक हैं।

जातिगत समी. : कुर्मी 90 हजार, कोल 40 हजार, मौर्या 27हजार, ब्राह्मण 13 हजार, यादव व सोनकर 10-10 हजार, अनुसूचित जाति 30 हजार और मुस्लिम 14 हजार।

छानबे (सु.) : अपना दल एस से राहुल प्रकाश विधायक हैं।

जातिगत समी. : कोल 62 हजार, अन्य अनुसूचित जातियां 55 हजार, ब्राह्मण 58 हजार, बिंद 30 हजार, मौर्य 25 हजार, कुर्मी 20 हजार, मुस्लिम 18 हजार, क्षत्रिय 16 हजार, पाल 15 हजार, कहार, कुम्हार, धोबी, नाई, निषाद आदि 45 हजार।

भदोही तीन सीट

ज्ञानपुर : विजय मिश्र इस सीट से विधायक हैं।

जातिगत समी. :  ब्राह्मण 75 हजार, बिंद 55 हजार, यादव 45 हजार, मुस्लिम 40 हजार, एससी 40 हजार, क्षत्रिय 20 हजार, पाल 25 हजार, मौर्य 25 हजार एवं अन्य 35 हजार।

औराई (सु.) : बीजेपी के दीनानाथ भास्कर यहां से विधायक हैं।

जातिगत समी. : ब्राह्मण 60 हजार, एससी 50 हजार, मुस्लिम, बिंद और यादव 40-40 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, पाल 20 हजार, मौर्य 25 हजार और अन्य 55 हजार।

भदोही : बीजेपी के रवींद्रनाथ त्रिपाठी विधायक हैं।

जातिगत समी.: ब्राह्मण 70 हजार, मुस्लिम 60 हजार, यादव 55 हजार, बिंद 60 हजार, एससी 55 हजार, क्षत्रिय 25 हजार, पाल 30 हजार, मौर्य 25 हजार एवं अन्य 35 हजार।

सोनभद्र चार सीट

रॉबर्ट्सगंज : बीजेपी के भूपेश चौबे विधायक हैं।

जातिगत समी. : ब्राह्मण 46 हजार, अनुसूचित जाति 39 हजार, वैश्य 28 हजार, अल्पसंख्यक 20 हजार, यादव 14 हजार, कुर्मी 18 हजार, धांगर 14 हजार, क्षत्रिय 13 हजार, कन्नौजिया 13 हजार, चेरो 6 हजार, बिंद-बियार व गोंड 40 हजार।

घोरावल : बीजेपी के डॉ. अनिल मौर्य विधायक हैं।

जातिगत समी. :  कुशवाहा 58 हजार, ब्राह्मण 47 हजार, यादव 23 हजार, कुर्मी 34 हजार, अनुसूचित जाति 40 हजार, वैश्य 30 हजार, बिंद-बियार व चौहान 40 हजार, वैसवार 10 हजार, क्षत्रिय 15 हजार।

ओबरा : बीजेपी के संजीव गोंड विधायक हैं।

जातिगत समी. : यादव 32 हजार, खरवार 24 हजार, वैश्य 20 हजार, कोल 19 हजार, ब्राह्मण 15 हजार, वैसवार 12 हजार, मौर्या, पटेल व विश्वकर्मा 30 हजार, बैगा, चेरो, पनिका 20 हजार।

दुद्धी (सु.) : अपना दल के हरिराम चेरो विधायक हैं।

जातिगत समी. : गोंड 48 हजार, वैश्य 29 हजार, खरवार 25 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, चेरो 12 हजार, वैसवार 13 हजार, अनुसूचित जाति 33 हजार, मुस्लिम-यादव 18-18 हजार, अन्य ओबीसी 40 हजार।

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