मथुरा। बलिदान दिवस पर याद किए गए महाराजा सूरजमल, अनुयायियों ने किया हवन यज्ञ
राजा सूरज मल में वीरता, धीरता, गम्भीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबूझ, चातुर्य और राजमर्मज्ञता का सुखद संगम सुशोभित था। मेल-मिलाप और सह-अस्तित्व तथा समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयता के वे सच्चे प्रतीक थे।
मथुरा। महाराजा सूरजमल या सूजान सिंह राजस्थान के भरतपुर के हिन्दू जाट शासक थे। उनका शासन जिन क्षेत्रों में था वे वर्तमान समय में भारत की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आगरा, अलीगढ़, बुलन्दशहर, ग़ाज़ियाबाद, फ़िरोज़ाबाद, इटावा, हाथरस, एटा, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ जिले; राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, अलवर, जिले; हरियाणा का गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, रेवाड़ी, मेवात जिलों के अन्तर्गत हैं।
राजा सूरज मल में वीरता, धीरता, गम्भीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबूझ, चातुर्य और राजमर्मज्ञता का सुखद संगम सुशोभित था। मेल-मिलाप और सह-अस्तित्व तथा समावेशी सोच को आत्मसात करने वाली भारतीयता के वे सच्चे प्रतीक थे। राजा सूरज मल के समकालीन एक इतिहासकार ने उन्हें ‘जाटों का प्लेटों’ कहा है।
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आज 258 वे बलिदान दिवस के अवसर पर जयगुरुदेव मन्दिर के समीप राजा सूरजमल के अनुयायियों ने उनको पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया साथ ही सैकड़ो की तादाद में लोगो ने मंत्रोच्चरण के साथ हवन यज्ञ कर अपने कुल शिरोमणि को श्रद्धा सुमन अर्पित की गई
इस अवसर पर सपा नेता प्रदीप चौधरी ने कहा कि म्हाराजा सूरजमल ने ही मुगलों को धूल चटाई थी वाह उनको इस रियासत से खदेड़ा था ऐसे वीर योद्धा देश के इतिहास में दम ही पैदा होते हैं।
रिपोर्ट – योगेश
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