लखनऊ. एलडीए की उदासीनता के चलते बूंद-बूंद पानी को तरस रहे वनस्थली अपार्टमेंट के लोग, खुद पैसे खर्च कर पानी के टैंकर मंगवाने को मजबूर
लखनऊ. लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में स्थित वनस्थली अपार्टमेंट के लोग 10 दिन से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। मजबूरी में आवंटियों को खुद के पैसे से पानी के टैंकर मंगावाने पड़ रहे हैं। वहीं आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एसपी सिंह ने कहा कि एलडीए से बोरिंग करवाने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की समस्या इतनी है कि आए दिन टैंकर मंगवाना पड़ता है। पैसे खर्च करने पड़ते हैं। अगर एलडीए लिखित में पूरी तरह सौंप दे तो हम लोगों को जो करना है वो करें। आवंटियों ने आपस में पैसा जमाकर रखरखाव करवाया है। एलडीए ने भुगतान नहीं किया है। अब रोज-रोज टैंकर तो मंगवा नहीं सकते हैं। इस पर एलडीए को सोचना चाहिए।
लखनऊ के शहरी क्षेत्र का दायरा बढ़ रहा है, लेकिन जरूरत के मुताबिक सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं हो रही। एलडीए और आवास विकास परिषद ने हर किसी को आवास दे दिया लेकिन जरुरी सुविधाएँ और जीवन जीने की मूलभूत सुविधाएँ अभी तक नहीं मुहैया करवा पाए।
अगर सुविधाओं में नाफरमानी का हाल देखना हो तो लखनऊ के सबसे पॉश और नवसृजित कॉलोनी गोमतीनगर विस्तार में देख सकते हैं यहां , अलकनंदा ,ग्रीनवुड, वनस्थली जैसे अपार्टमेंट्स बनाये गए हैं , लेकिन सुविधाएं नदारद हैं। यहां के रहने वाले लोग हर दूसरे दिन पानी की किल्लत से जूझते नजर आते हैं।
इस मसले पर लखनऊ विकास प्राधिकरण हमेशा की तरह उदासीन बना हुआ है। सरकारी योजनाओ और क्रियान्वयन को लेकर उदासीन लखनऊ विकास प्राधिकरण को इन तस्वीरों को देखकर शर्म आनी चाहिए।
असलियत में शहरी क्षेत्र का हाल यह है कि 40 प्रतिशत इलाकों में सीवर और पेयजल के पाइप तक नहीं पड़ पाए हैं और जुगाड़ तंत्र से काम चल रहा है। सड़कें चौड़ी तो हुई हैं, लेकिन यातायात के बढ़ते दबाव को वह झेल नहीं पा रहीं और शहर हर दिन जाम से जूझता दिखता है।
सबसे बड़ा जलसंकट पेयजल का लगातार संकट:-
शहर में बात करें विशेषतः गोमतीनगर क्षेत्र में पेयजल के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। 613 नलकूपों और 130 मिनी नलकूपों में से चालीस प्रतिशत अपनी क्षमता के अनुरूप पानी नहीं दे पा रहे। दो हजार हैंडपंप खराब हैं तो हर दूसरे तीसरे दिन जलकल में पानी खत्म होते ही गोमतीनगर विस्तार में हाहाकार है।
उधर, पेयजल आपूर्ति बेहतर करने को जो नई योजनाएं पास हुईं, वह भी अधूरी हैं। इससे इस गर्मी भी शहरवासियों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है । लखनऊ शहर में जलकल विभाग के अभी तीन ही जलकल हैं। ऐशबाग, बालागंज और गोमती नगर स्थित तीसरा जलकल।
इन तीनों से करीब 15 लाख की आबादी को ही पानी की आपूर्ति हो पाती है, जबकि करीब 10 लाख की आबादी को पेयजल आपूर्ति के लिए अभी जलकल नहीं है।
शहरवासियों को मानक के अनुरूप पेयजल आपूर्ति के लिए जलकल विभाग को रोजाना करीब 900 एमएलडी पानी की जरूरत है। लेकिन उसे 330 एमएलडी पानी ही गोमती और शारदा सहायक नहर से मिल पाता है। अगर सुविधांए देनी हैं तो – गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र के लिए 80 एमएलडी का एक और जलकल बनाना होगा।
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