कहानी यूपी की- ये हैं यूपी के इतिहास को बताने वाले अद्भुत किले..
कहानी यूपी की- ये हैं यूपी के इतिहास को बताने वाले अद्भुत किले..
उत्तर प्रदेश एक बेहद ही समृद्ध राज्य है…यहां पर्यटकों के घूमने के लिए कई खूबसूरत इमारते भव्य मंदिर आदि मौजूद हैं। अन्य राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कई भव्य किले, जिनका इतिहास में काफी महत्व रहा है। ये किले नगर की व्यवस्था हेतु और नगर की सुरक्षा हेतु बनाये जाते थे…
कहानी यूपी की सीरीज में ..आज हम आपको उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे ही किलों के बारे में बता रहे हैं जो अपनी कलात्मक शैली और वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। आप जब भी इन किलों को करीब से देखेंगे कुछ पल के लिए आपको महसूस होगा जैसे आप पुरातन के समय में पहुँच गए हों। वाकई इन किलों की एक एक दीवार इतिहास बयां करती है। जो बेहद रोमांचक है।
आगरा का किला…
आगरा का किला यूनेस्को विश्व धरोहर आगरा का किला न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए है। यह ऐतिहासिक किला वो है जहाँ से मुग़ल बादशाह बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब पूरे भारत पर हुकूमत किया करते थे। यह ऐतिहासिक किला उत्तर प्रदेश के मशहूर शहर आगरा में स्थित है। इस किले का इतिहास बड़ा ही रोमांचक है। अगर आप इसकी ऐतिहासिक गतिविधियों रूबरू होना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं।
अलीगढ़ किला….
अलीगढ़ किला भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक माना जाता है। इस किले का निर्माण इब्राहिम लोधी के दरबार में पीठासीन राज्यपाल के पुत्र द्वारा 16 वीं सदी में किया गया था।जीटी रोड पर स्थित यह किला एक नियमित बहुभुजाकार की तरह है तथा इसके चारों ओर एक बहुत गहरी खाई है। यह किला भारतीय और फ्रांसीसी शैली की वास्तुकला के मिश्रण का दावा करता है। अब यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, और विशेष रूप से, वनस्पति विज्ञान विभाग के नियंत्रण में है।भीतरी आंगन में एक वनस्पति उद्यान और अन्य बागानों की किस्में है।
इलाहाबाद किला…
इलाहबाद किले का निर्माण 1583 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा कराया गया था, यह अकबर के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा किला है। अपने विशिष्ट बनावट, निर्माण और शिल्पकारिता के लिए जाना जाने वाला यह किला गंगा और युमाना के संगम पर स्थित है। वर्तमान में किला भारतीय सेना द्वारा कब्जा कर लिया गया है और किलों के कुछ हिस्सों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पार्क में बलुआ पत्थर से बना 10.6 मीटर का विशाल अशोक स्तंभ भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 232 ईसा पूर्व किया गया था। पुरातत्त्वविद् और इतिहासकारों के लिए इस स्तंभ का विशेष महत्व है।
झाँसी किला…
झाँसी के किले या झाँसी किले का निर्माण ओरछा के राजा बीर सिंह देव ने 1613 में पहाड़ी की चोटी पर करवाया था। यह 16 से 20 फुट मोटी दीवार से घिरा हुआ है जो इसकी चारदीवारी का एक भाग है। इस दीवार में दस दरवाज़े हैं जिनमें से प्रत्येक का नाम किसी राजा या राज्य के ऐतिहासिक स्थान के नाम पर रखा गया है। यहाँ पर्यटक चाँद द्वार, दतिया दरवाज़ा, झरना द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओरछा द्वार, सागर द्वार, उन्नाव द्वार, खंडेराव द्वार और सैनयार द्वार हैं। हालाँकि इसमें से कुछ द्वार समय के साथ लुप्त हो गए हैं, फिर भी कुछ ऐसे हैं जो अभी भी अच्छी अवस्था में हैं। झाँसी के किले ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि यह 1857 के भारत के स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र था।
बनारस का रामनगर किला..
रामनगर किला गंगा नदी के पूर्वी किनारे पर वाराणसी में स्थित है। इस किले का निर्माण वर्ष 1750 में राजा बलवंत सिंह द्वारा निर्मित यह एक विशिष्ट मुगल वास्तुकला का नमूना है। यह यह किला मक्खन के रंग वाले चुनार के बालूपत्थर ने बना है। वर्तमान समय में यह किला अच्छी स्थिति में नहीं है। यह दुर्ग तथा इसका संग्रहालय बनारस के इतिहास का खजाना है। आरम्भ से ही यह दुर्ग काशी नरेश का निवास रहा है।
मिर्ज़ापुर का चुनारगढ़ का किला..
मिर्जापुर के चुनार में स्थित चुनार किला कैमूर पर्वत की उत्तरी दिशा में स्थित है। यह गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर बसा है। यह दुर्ग गंगा नदी के ठीक किनारे पर स्थित है।इस किले का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई राजा भरथरी के लिए करवाया था। मिथक यह बताते हैं कि राजा भरथरी ने इस किले में महासमाधि ली थी।यह किला एक ठोस संरचना है जो गंगा नदी के किनारे एक पहाड़ पर स्थित है। गहरी ढलान के कारण इस किले तक पहुँचना कठिन है। शायद यही कारण है कि यह किला वर्षों तक हमलों से बचा रहा।
फ़तेहपुर सिकरी का किला..
आगरा स्थित फ़तेहपुर सिकरी किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर द्वारा 16वीं सदी के दौरान कराया गया था। यह किला हिंदू और मुस्लिम वास्तुशिल्प के मिश्रण का सबसे अच्छा उदाहरण है। फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि यह मक्का की मस्जिद की नकल है और इसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प से लिए गए हैं। मस्जिद का प्रवेश द्वार 54मीटर ऊँचा बुलंद दरवाजा है जिसका निर्माण1570 ई० में किया गया था। मस्जिद के उत्तर में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह है जहाँ नि:संतान महिलाएँ दुआ मांगने आती हैं। आंख मिचौली, दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, पांच महल, ख्वाबगाह, अनूप तालाब फतेहपुर सीकरी के प्रमुख स्मारक हैं। बता दें यह किला अब यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों में से एक है।
सोनभद्र का विजयगढ़ किला…
विजयगढ़ किले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है जिसका निर्माण कोल राजाओं ने इसका निर्माण करवाया था। यह किला, मऊ कलां गांव में रॉबर्ट्सगंज – चर्च रोड़ पर रॉबर्ट्सगंज से लगभग 30 किमी. की दूरी पर स्थित है। किले का आधा क्षेत्र कैमर रेंज की खड़ी चट्टानी पहाडि़यों से भरा हुआ है। इस किले की अनूठी विशेषता, किले में बने गुफा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे शिलालेख और चार बारहमासी तालाब है। किले के मुख्य द्वार पर एक मुस्लिम संत की कब्र बनी हुई है, इन संत का नाम सैय्यद जैन- उल – अबदीन मीर साहिब है जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से विख्यात है।
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