ओमीक्रॉन ! न प्रशासन की तैयारियां, न लोगों की सावधानियाँ..

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर जालौन जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद भी सार्वजनिक स्थलों पर न तो कोविड हेल्प डेस्क है और न ही लोगों में सतर्कता दिख रही है। हाल यह है कि राज्य सड़क परिवहन निगम के बस अड्डे पर अभी तक न तो कोविड हेल्प डेस्क बनाई गई है और न ही अलग-अलग जगह से आने-जाने वाले यात्रियों का कोई ब्यौरा दर्ज किया जा रहा है और न हीं सैम्पलिंग व थर्मल स्क्रीनिंग के लिए किसी

कर्मचारी की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी यहां होते हुए नही दिखाई दिया। अलग-अलग स्थानों से आए यात्री भी बेपरवाह दिखे। अधिकांश यात्री बिना मास्क के ही नजर आए। यह हाल तब है जब पिछले कई दिनों से ओमिक्रॉन को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश शासन द्वारा लगातार दिए जा रहे हैं।

वही रेलवे स्टेशन पर भी सतर्कता के नाम पर कुछ नजर नहीं आया। रेलवे आरक्षण काउंटर पर आरक्षण कराने के लिए आए लोग भी सतर्कता बरतते नहीं दिखे। अधिकांश लोगों के पास मास्क नहीं था। आरक्षण काउंटर के आसपास न तो कोई कोविड हेल्पडेस्क नजर आई और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था दिखी। जाहिर सी बात है जब यह सब नहीं है तो फिर आने जाने वालों का ब्योरा भी दर्ज नहीं होगा।

वही राजकीय मेडिकल कालेज में कोविड हेल्प डेस्क तो बनाई गई हैं लेकिन डेस्क पर न तो कोई ब्यौरा दर्ज किया जा रहा है और न हीं किसी भी कर्मचारी की तैनाती दिखी, आने-जाने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की भी यहां कोई व्यवस्था नजर नही आई। हालाकि अन्य तैयारियों में कोरोना वार्डो में वैडो की व्यवस्था और ऑक्सीजन की व्यवस्था तो की गई है।

यह हाल तब है जब विशेषज्ञ लगातार चेता रहे हैं कि अगर कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, तो भी मास्क का इस्तेमाल जरूरी है।

स्थानीय लोगों के साथ आने-जाने वाले लोग मानो निश्चिंत हो चुके है प्रशासन द्वारा सतर्कता बरतने की अपील इन पर कोई असर नहीं डाल रही। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक के लोग मास्क नहीं लगा रहे और न ही कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते दिख रहे।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि नए कोरोना वैरियंट ओमिक्रोन वायरस से निपटने के जिला प्रसाशन ने पर्याप्त तैयारियां की है। इसके लिए चार L1 फैसलटीज़ तैयार की गई है। फोकस्ड सैम्पलिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगो की निगरानी, जांच और कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में भी पर्याप्त इंतज़ाम किये गए है और लोगो को लगातार जागरूक किया जा रहा है।

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