अब UPI से लेन-देन करना हो जाएगा और भी ज्यादा महंगा, जानिए क्या है RBI की तैयारी
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति को पेश किया. शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए ब्याज दरों को स्थिर रखने का ऐलान किया.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यहां डिजिटल पेमेंट को लेकर एक बड़ी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल भुगतान पर शुल्क वसूलने के लिए एक चर्चा पत्र जारी करेगा.
साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद भारत में तेजी से डिजिटल पेमेंट बढ़ा. कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में डिजिटल पेमेंट का ग्राफ काफी ऊपर जा पहुंचा. लोगों ने संक्रमण से बचने के प्रयास में डिजिटल पेमेंट पर ही भरोसा जताया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल पे, पेटीएम, फोन-पे और भीम एप जैसे दूसरे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हर महीने करीब 1.22 बिलियन यानी करीब 122 करोड़ तक का लेनदेन होने लगा है.
यूपीआई जिसे हम अंग्रेजी में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस कहते हैं, यह एक डिजिटल पेमेंट का तरीका है जो मोबाइल ऐप के जरिये काम करता है. इस ऐप के जरिये सुरक्षित तरीके से पेमेंट कर सकते हैं.
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