भारत ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की योजना जल्द करेगी सार्वजनिक
भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. एन. के. अरोड़ा ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण नीति जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. एन. के. अरोड़ा ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण (vaccination) नीति जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण (vaccination) को प्राथमिकता देने की प्रक्रिया चल रही है। 18 साल से कम उम्र के 44 करोड़ बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने की योजना जल्द ही देश के सामने रखी जाएगी। ताकि कॉमरेडिडिटी वाले बच्चों को कोरोना के खिलाफ टीका लगाया जा सके। उसके बाद स्वस्थ बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा, डॉ. अरोड़ा ने कहा।
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कोविड-19 टास्क फोर्स के अध्यक्ष ने कहा कि भारत के टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा अगले दो सप्ताह में एक व्यापक योजना देश के सामने पेश की जाएगी। इसमें कोरोना के लिए अतिरिक्त और बूस्टर डोज की चर्चा शामिल है। एनटीएजीआई अगले दो सप्ताह में इस नीति को देश के सामने पेश करेगा। दक्षिण अफ्रीका में एक नए प्रकार के कोरोना की खोज पर भारत में भी चिंता जताई गई है। इसके बाद बूस्टर डोज की बात आती है।
बूस्टर डोज देने से तेज हुई चर्चा
हाल ही में दिल्ली एम्स में कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ। नवनीत ने कहा था कि लोगों की उम्र और अलग-अलग तरह के मरीजों के आधार पर अध्ययन शुरू किया जाना चाहिए। असली कोरोना का नया लुक पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। वहीं, देश में बूस्टर डोज को लेकर काफी चर्चा है। वहीं, बच्चों के टीकाकरण को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। वहीं अब डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण की योजना जल्द ही देश के सामने रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों और फिर स्वस्थ बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।
नए स्वरूप पर डीडीएमए की बैठक आज
बता दें कि देश में कोरोना के नए प्रकार को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। इसलिए आज डीडीएमए की बैठक हुई। बैठक के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि बैठक में नए स्वरूप पर चर्चा हुई। यह एक नई प्रजाति है और दुनिया भर में इसके प्रसार और इसके प्रभाव के बारे में अभी भी अनिश्चितता है। दुनिया भर में हर कोई इस बात से परेशान है कि उसे कैसे रिजेक्ट किया जा रहा है। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘हमारे भारत सरकार के विशेषज्ञों ने डीडीएमए को इस संबंध में उपलब्ध सभी सूचनाओं से अवगत करा दिया है और उन्होंने यह भी कहा है कि हम भी नजर रख रहे हैं, सरकारें भी नजर रखेगी लेकिन अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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