आगरा: नरकीय हालात में रहने को मजबूर ग्रामीण, घर पर लगाए पलायन और बिकाऊ के पोस्टर
आगरा. सरकार विकास के लाख दावे करती हो लेकिन सरकार के दावों की पोल खोलता ताजनगरी आगरा के एत्मादपुर तहसील का जाटोआ गॉव, ताजनगरी आगरा का यह गॉव करीब 2500 लोगो की आबादी का है, जिसमे विकास के नाम पर गॉव में उखडा पड़ा खरंजा, गॉव की गलियों में भरा नाली का गंदा पानी, जगह जगह गंदगी का अंबार नजर आता है, क्या यही है सरकार का सबका साथ सबका विकास।
ताजनगरी आगरा के एत्मादपुर तहसील के गॉव जटोआ में ग्रामीण पलायन करने और अपने मकानों को बेचने को मजबूर है ये पलायन करने बाले ग्रामीण किसी साहूकार के कर्जे की बजह से अपने मकानों को नही बेच रहे वल्कि ये गॉव के नारकीय हालात से परेशान होकर गॉव से पलायन करने और अपने अपने मकानों को बेचने को मजबूर है।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 15 सालों से हम इस नर्क में नारकीय जीवन को जी रहे है,15 सालो में कई बार नई सरकारे बनी, विकास के वादे भी हुए,ग्रामीणों के बोट पाकर प्रधान से लेकर सांसद तक बने,लेकिन जो नही बना वो इस गॉव की सड़क और नाली,गॉव के हालात में कोई सुधार नही हुआ,ग्रामीणों ने नेताओ से लेकर अधिकारियों के दरवाजे खटखटा लिए लेकिन हालात नही सुधरे,बदली तो केवल सरकार और अधिकारी।
गॉव में जिस तरफ भी नजर जाती है उधर गंदगी और रास्तो में पानी भरे होने की ही तस्वीर नजर आती है ग्रामीण के पास चुनावी समर में सभी दलों के नेता आते है और गॉव में विदेश जैसा विकास करने का आईना दिखा बोट लेकर अपना उल्लू सीधा कर चले जाते है,वादा करते है और भूल जाते है,लेकिन ग्रामीण आज भी इन्ही नाली के गंदे पानी भारे रास्तो से अपने खेत और काम पर जाने को मजबूर है।
ग्रामीणों ने बताया कि हम इस पानी मेसे निकलते हुए कई बार चोटिल भी हुए है लेकिन हमारी कोई सुध लेने बाला नही है,आगे मानसून आने बाला है लेकिन उससे पहले ही गॉव की स्थिति बिकराल है मानसून आने के कारण इस गंदे पानी के भरे होने से हमे तमाम बीमारियों का होने का डर है,इस लिये हम लोग अपनी और अपने बच्चो के स्वास्थ्य के लिये गॉव से पलायन करने को मजबूर है।
एसडीएम प्रियंका सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है टीम गठित की गई है जो निरीक्षण कर जल्द समस्याओ का समाधान करेगी।
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