संतकबीरनगर: विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति? जानें क्या है पूरा मामला

संतकबीरनगर. विकास के नाम पर विनाश की सोच रखने वाले अधिकारी और ठेकेदारो, का वर्चस्व आज भी नगर पालिका क्षेत्र में कायम है विकास के लिए आए धन से घटिया मटेरियल व मानक विहीन निर्माण कराकर सरकारी धन का बंदरबांट और उसका दुरुपयोग रुकने का नाम नहीं ले रहा।

आईये देखते है क्या है मामला…

दरअसल पूरा मामला संत कबीर नगर के नगर पालिका क्षेत्र खलीलाबाद का है जहां पर सरकार ने विकास कार्यों के मद्देनजर सुंदरीकरण में और जल संरक्षण के लिए नगर पालिका क्षेत्र में तालाब और धोबी घाट के सुंदरीकरण के लिए धन आवंटित कर नगर पालिका को आदेशित किया था कि इन पोखरो का सुंदरीकरण कर उन्हें जल संरक्षण के लायक बना कर नगर पालिका क्षेत्र को एक नया आयाम दिया जाए पर सरकार की इस नीति को नगर पालिका अधिशासी अभियंता की खाऊ कमाऊ नीति ने पोखरे का सुंदरी करण ऐसे ठेकेदारों के झोली में डाल दिया कि सुंदरीकरण पहली ही बारिश ना झेल सका और वह जल मग्न होकर पोखरा में समाहित हो गया ऐसे में सरकार की नीतियों को पलीता लगा रहे अधिकारी और ठेकेदार कमीशन लेकर अपने आलीशान बंगलों में आराम फरमा रहे है।

जब इस पूरे मामले पर अधिशासी अधिकारी बीना सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा अभी किसी ठेकेदारों को कोई फंड रिलीज नहीं किया गया अब आगे उनके कार्यों का निरीक्षण कर उन्हें पूर्ण कार्य करने की सहमति प्रदान की जाएगी ऐसे में वार्ड सभासदों का कहना है की विकास कार्यों में आए पैसे को हम सभासदों की नजर से बचा कर ठेकेदारों को राउंड पेमेंट के नाम पर लाखो का भुगतान कर दिया गया है ऐसे में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी द्वारा ठेकेदारों की करनी कथनी को छुपाना सन्देह उत्पन्न करता है।

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