बिजनौर: जब कलयुग में राम के वियोग में दशरथ ने तोड़ा दम, भाव विभोर हुए दर्शक
जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी दूर अफजलगढ़ के हसनपुर गांव में गुरुवार की रात को रामलीला मंचन के दौरान राम के वन गमन का दृश्य था। इसी दृश्य में राजा दशरथ भगवान राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में व्याकुल होते हैं। दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने वास्तव में स्टेज पर ही प्राण त्याग दिए थे।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के गांव हसनपुर में रामलीला के मंचन में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी दूर अफजलगढ़ के हसनपुर गांव में गुरुवार की रात को रामलीला मंचन के दौरान राम के वन गमन का दृश्य था। इसी
राजा दशरथ भगवान राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में व्याकुल होते हैं। दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने वास्तव में स्टेज पर ही प्राण त्याग दिए थे।
राम के वियोग में दशरथ के प्राण त्यागने के बाद पर्दा गिर गया लेकिन दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह नहीं उठे। सहयोगी कलाकार पर्दा गिरने के बाद भी न उठने पर राजेंद्र सिंह के पास पहुंचे। सहयोगी कलाकारों को पास पहुंचने पर इस बात का एहसास हुआ कि दशरथ की भूमिका निभा रहे राजेंद्र सिंह ने राम के वन जाने के बाद उनके वियोग में मंच पर ही वास्तव में अपने प्राण त्याग दिए।
ग्रामीणों ने बताया कि राजा दशरथ ने अपने मंत्री सुमंत को राम को वन दिखाकर वापस ले आने के लिए भेजा था। लेकिन जब दशरथ ने सुमंत को राम के बगैर आते देखा तो वियोग में ‘राम-राम’ चिल्लाने लगे। ‘राम-राम’ कहते हुए दशरथ बने राजेंद्र सिंह वहीं मंच पर गिर गए।
वहीं, दर्शकों ने समझा कि राजेंद्र अभिनय कर रहे हैं और वे तालियां बजाने लगे। पर्दा गिरने के बाद जब साथी कलाकार राजेंद्र सिंह के पास पहुंचे तो वह प्राण त्याग चुके थे। मृतक राजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्र, दो पुत्री छोड़ गए हैं।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह पिछले 20 साल से इस रामलीला में राजा दशरथ का रोल अदा करते चले आ रहे थे और उनका अभिनय इतना सजीव था कि लोग भाव विभोर हो जाते थे। घटना से गांव क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई और रामलीला का मंचन स्थगित कर दिया गया।
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