सरकारी उदासीनता और रामनगरी अयोध्या में सरयू का कहर शुरू…

सरकारी उदासीनता और रामनगरी अयोध्या में सरयू का कहर शुरू…

अयोध्या सरयू का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में संकट की स्थिति है।वहीं रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है. जनपद के कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट गया है और किसानों को भारी नुकसान हो रहा है,हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं हैं…..

रामनगरी के सभी निचले इलाकों में लगातार बारिश के चलते जल जमाव की स्थिति है….

रुदौली विकासखंड स्थित सड़री, पसैया, नैपुरा, मुतौली, जैथरी, उधरौरा और रसूलपुर जैसे कई गांव है जहां हर वर्ष की तरह बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. यहां हजारों एक फसलें जलभराव से नष्ट हो रही हैं…..

यह पहली बार नहीं हुआ है यहां हर बार ऐसी मुसीबत का सामना ग्रामीणों को करना पड़ता है लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इनकी कोई मदद नहीं की जाती है…..

ग्रामीणों का आरोप है शासन प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि द्वारा नाम मात्र की सहायता दी भी जाती है. बरसात के समय में सबसे ज्यादा नुकसान इन गांवो में होता है. ग्रामीणों का कहना है कि जलजमाव से फसलें नष्ट होने के बाद उन्हें इसका मुआवजा भी नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि लाभ दिलाने के बहाने वोट लेते हैं लेकिन समस्या खड़ी होने पर उनकी सुनने ना तो कोई जनप्रतिनिधि आता है और न ही अधिकारी भी…

प्रभावित क्षेत्र में मौजूदा हालात की बात करें तो महंगू का पुरवा गांव जाने की पानी में डूब गई है. चारों ओर बैरिकेडिंग करके आवागमन पर रोक लगा दिया गया है।

आपको बता दें कि अभी हाल ही में जून महीने के अंत मे उत्तर प्रदेश सरकार के मौजूदा जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह का अयोध्या दौरा हुआ था. अयोध्या दौरे पर बाढ़ कार्यों में शिथिलता देखते हुए मंत्री महेंद्र सिंह ने बड़ी कार्रवाई की थी….दौरे में निरीक्षण में लापरवाही मिलने पर अधिशासी अभियंता को मुख्यालय से अटैच करने के बाद 2 एई,एक जेई समेत चार लोगों पर कार्रवाई की थी….और सभी अफसरों को मुख्यालय से अटैच किया था….लेकिन मंत्री जी आये दौरा निपटा कर कार्यवाई सस्पेंशन करके चले गए.

मौजूदा स्थिति ढाक के तीन पात बनी हुई है….
मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद…..आनन-फानन में मार्ग पर पुल बनाने का कार्य शुरू हुआ लेकिन तब तक बारिश आ गई. सड़क जलमग्न हो गई. ग्रामीणों का निकलना सब दुर्लभ हो गया है. छोटे नौनिहाल व बुजुर्ग काफी समस्याओं का सामना कर रहे है…..

 

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