केजीएमयू के बाद अब लखनऊ के इस अस्पताल में हो सकेगी डेंगू और स्वाइन फ्लू की जांच
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है। राजधानी लखनऊ में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसे देखते हुए यूपी में फिर से 3 दिन का लॉकडाउन किया गया है। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को 140 मरीज मिले। शुक्रवार को पहली बार सर्वाधिक 140 मरीज मिले। जिसके बाद राजधानी में मरीजों की संख्या बढ़कर 1912 हो गई। वहीं यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या 32362 तक पहुंच गई है।
लखनऊ में बलरामपुर अस्पताल में भी अब कोरोना के साथ ही डेंगू एलाइजा, स्वाइन फ्लू आदि की जांच भी हो सकेगी। अभी तक यह जांचें केजीएमयू व स्वास्थ्य भवन में कराई जाती रही हैं। शनिवार को यानि आज बलरामपुर अस्पताल में वॉयरोलॉजी लैब का उद्घाटन होगा। केजीएमयू के बाद जिले का यह पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां आरटीपीसीआर लैब होगी।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार से आरटीपीसीआर लैब बनाने का आदेश मिला था। जिससे ज्यादा मरीजों की कोरोना की जांच हो सके। बलरामपुर में ट्रूनेट मशीन से रोजाना सिर्फ 15-20 नमूने ही ही लिए जा रहे हैं। वाॅयरोलाॅजी लैब बनने के बाद अधिक मरीजों की जांच हो सकेगी। लैब संचालन के लिए पांच लोगों का नया स्टाॅफ नियुक्त किया गया है। जिसमें दो माइक्रोबायोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर व अन्य स्टाॅफ शामिल है।
निदेशक ने बताया कि कोरोना के साथ ही डेंगू एलाइजा, चिकनगुनिया, यूरिन, ब्लड व स्टूल कल्चर, स्वाइन फ्लू की भी जांच यही की जा सकेगी। अभी तक यह जांचें स्वास्थ्य भवन और केजीएमयू की लैब में ही कराई जा रही थी।
कोरोना की बात करें तो गुरुवार को 740 मरीजों का इलाज चल रहा था। वहीं, शुक्रवार को 140 मरीज आने से अफरातफरी मच गई। लोहिया अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, साढ़ामऊ अस्पताल, पीजीआइ में आइसोलेशन के 95 फीसद बेड फुल हो गए। लोहिया संस्थान में दो-तीन बेड खुद के स्टाफ के लिए आरक्षित कर दिए हैं। ऐसे में एंबुलेंस में गए मरीजों को वापस आना पड़ा। ऐसे ही लोकबंधु अस्पताल में भी भेजे गए कई मरीजों को वापस लाना पड़ा। इन मरीजों को सरोजनीनगर स्थित निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
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