पंजाब : 72 दिन बाद सिद्धू ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफ़ा, कहा नहीं कर सकते पंजाब के साथ समझौता
नवजोत सिंह के इस्तीफे की भाषा बता रही है कि, वह कहीं न कहीं पार्टी से नाराज व असंतुष्ट हैं, बात यह भी है की जब सब कुछ सिद्धू के मन मुताबिक ही हो रहा था
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिन की उथल पुथल के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याणकारी अजेंडे से समझौता नहीं कर सकते। सिद्धू ने इस्तीफे ने आगे भी लिखा है कि वह कांग्रेस के लिए काम करना जारी रखेंगे। नवजोत सिंह के इस्तीफे की भाषा बता रही है कि, वह कहीं न कहीं पार्टी से नाराज व असंतुष्ट हैं। बात यह भी है की जब सब कुछ सिद्धू के मन मुताबिक ही हो रहा था, तो सिद्धू किस समझौते की बात कर रहे हैं।
72 दिन बाद, छोड़ा अध्यक्ष का पदभार
23 जुलाई को उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। मंगलवार को 72 दिन बाद सिद्धू ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गाँधी को इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि, “इंसान का पतन समझौते से होता है, मैं कांग्रेस के भविष्य और पंजाब की भलाई के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता, इसलिए मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। ”
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 28, 2021
सूत्रों के अनुसार चन्नी के सीएम बनने के साथ अन्य मंत्रियों की नियुक्तियों से सिद्धू खफ़ा थे। उनका मानना है कि ये नियुक्तियां भ्रष्टाचार से लड़ने में उनके आड़े आएंगी। माना जा रहा है कि सिद्धू द्वारा ‘समझौता’ शब्द का इस्तीफे में बार बार इस्तेमाल किया जाना कैबिनेट फेरबदल में नापसंद आने वाले चुनावों की तरफ इशारा किया है। बताते चलें कि नए मंत्रियों के शपथ लेने से कुछ घंटे पहले ही रविवार को परेशानी शुरू हो गई थी, कुछ विधायकों ने सिद्धू को पत्र लिखकर कहा कि “दागी” राणा गुरजीत को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि उन पर रेत खनन में भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं। गुरजीत सिंह को वास्तव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्हें कैबिनेट से हटा दिया था
बता दें कि वर्ष 2017 में कांग्रेस की विजय के बाद सिद्धू ने कांग्रेस ज्वाइन की थी। राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के चहेते होने के कारण कयास लगाए जा रहे थे की उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
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