विकास दुबे एनकाउंटर : जिन खाकी वालों ने विश्वास घात किया है उसे वर्दी पहनने का अधिकार नही है- प्रमोद तिवारी
विकास दुबे एनकाउंटर कर बाद शहीद उप निरीक्षक अनूप सिंह के परिजनों को ढांढस बंधाने गांव पहुचे कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने सरकार पर साधा निशाना। एनकाउंटर पर भी उठाए सवाल, कोई भी किसी की जान ले उसे जीने का अधिकार नही उसे वही सजा मिलनी चाहिए जो भारत का कानून, संविधान उसे देता है जीवित रहने का अधिकार। मैं इसमे एक बात और जोड़ना चाहता हूं.
घटना चक्र की जिस दिन हमारे 8 जवान शहीद हुए. इसके फरारी की कौन कौन लोग थे जिन्होंने इसकी मदद की, इन सब की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के द्वारा होनी चाहिए। ये सामान्य घटना नही है भारत मे तमिलनाडु के वीरप्पन के बाद हमारे 8 पुलिस कर्मियों को शहीद किया.
अगर इसमे किसी खाकी वाले ने विश्वास घात किया है तो उसे वर्दी पहनने का अधिकार नही है उसे वही सजा मिलनी चाहिए जो सज़ा अभियुक्त को मिलती है। अगर किसी नेता ने किया परवरिश की बढ़ाया तो उसके चेहरे से भी नकाब हटना चाहिए, और उसके ऊपर भी मुकदमा कायम होना चाहिए।
दो तीन एमएलए और जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम लिया है तो उनके ऊपर मुकदमा क्यो नही कायम होता। अपराधी जब तक पाला पोसा नही जाता अपराधी नही बनता अगर सुप्रीम कोर्ट जांच करेगा तो आने वाले दिनों में शहीद नही होना पड़ेगा। अनुग्रह राशि 2 करोड़ और दो नौकरी की मांग की।
इसमे इत्तेफाक है कि जब वह थाने घुसकर शुक्ला को मारता है तब भी भाजपा सरकार थी, और आज आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करता है तब भी भाजपा सरकार है। चार सौ किमी चलकर फरीदाबाद पहुचता है वहा भी भाजपा सरकार, सरंडर करता है एमपी में वहा भी भाजपा सरकार।
तो भाजपा 3 साल है मुख्यमंत्री ने कहा था या तो अपराधी जेल जाएगा या ऊपर जाएगा, मैं जानना चाहता हूं अपराधी की परिभाषा क्या है। 90 से ज्यादा इसके ऊपरमुकदमे थे किसकी वहज से ये था। बड़े से बड़ा अपराधी के यहा रेड पड़ती है तो अपनी जान बचाता भागता है मुकाबला नही करता, दो दिन शिवली थाने के बगल रहा।
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