CBI का बड़ा खुलासा, NEET मेडिकल परीक्षा में घोटाला

तमिलनाडु में आत्महत्याओं की एक कड़ी के बीच एक रहस्य का खुलासा। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पिछले सप्ताह परीक्षा के परिणाम से त्रस्त छात्रों से भावनात्मक अपील की है।

तमिलनाडु में आत्महत्याओं की एक कड़ी के बीच एक रहस्य का खुलासा। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पिछले सप्ताह परीक्षा के परिणाम से त्रस्त छात्रों से भावनात्मक अपील की है।

NEET मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े एक घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें परीक्षा पास करने के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करने का प्रयास किया गया था और हर उम्मीदवार से 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। नीट परीक्षा में असफल हुए छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं और इस बात पर काफी हंगामा चल रहा है। इस बीच सीबीआई सूत्रों ने बुधवार को परीक्षा में घोटाले की जानकारी दी। सीबीआई के सूत्रों ने इस घोटाले में परिमल कोटपल्लीवार और कई छात्रों पर आरोप लगाए हैं । परिमल कोटपल्लीवार महाराष्ट्र में स्थित एक कोचिंग सेंटर आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस के निदेशक हैं।

एफआईआर में क्या कहा गया –

एनडीटीवी ने सीबीआई की एफआईआर एक्सेस की है जिसमें कहा गया है “जानकारी से पता चला है कि परिमल कोटपल्लीवार ने इच्छुक उम्मीदवारों को धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से बहकाकर उच्च सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश का लालच दिया था। इसके बाद संभावित उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क कर उनसे बात चीत की थी और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया था । प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके NEET द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षा की प्रक्रिया में हेरफेर करके मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाया गया।” जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था।

कोचिंग सेंटरों ने क्या कहा-

कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी। एफआईआर में कहा गया है कि “जानकारी से पता चला है कि परिमल और उसके सहयोगियों ने परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के यूजर आईडी और पासवर्ड एकत्र किए हैं । और उनके द्वारा योजना के अनुसार वांछित परीक्षा केंद्र प्राप्त करने के लिए आवश्यक संशोधन किए गए। वे तस्वीरों को मिलाने या बदलने की प्रक्रिया का भी उपयोग करते हैं। वे यह परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवारों की सुविधा के लिए फर्जी आईडी कार्ड बनाने के उद्देश्य से उम्मीदवारों के ई-आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र कर रहे थे। परिमल ने उम्मीदवारों को उत्तर कुंजी देने और ओएमआर शीट में हेरफेर करने का भी आश्वासन दिया था।” परिमल ने 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के लिए पांच प्रॉक्सी उम्मीदवार चुने थे। एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि गुने गए वो पाँच प्रॉक्सी उम्मीदवार परीक्षा केंद्रों पर ही नहीं आए, जबकि एजेंसी के अधिकारी उन्हें रंगे हाथ पकड़ने के लिए केंद्रों पर इंतजार कर रहे थे।

इस रहस्य का खुलासा तमिलनाडु में असफल छात्रों की आत्महत्याओं की एक कड़ी के बीच हुआ। आत्महत्याओं को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पिछले सप्ताह परीक्षा परिणाम से त्रस्त छात्रों से भावनात्मक अपील की थी की वे परीक्षा क परिणाम के चलते कोई भी गलत कदम न उठाए । पिछले कुछ वर्षों में तमिलनाडु में 15 उम्मीदवार आत्महत्या कर चुके हैं। तमिलनाडु में पिछले हफ्ते एक 17 वर्षीय लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या करली थी इसी के साथ यह एक हफ्ते से भी कम समय में ऐसी तीसरी मौत है। दिहाड़ी मजदूर की बेटी नीट 2021 की परीक्षा पास करने को लेकर चिंतित थी। उसने 12वीं कक्षा में 84.9 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने क्या कहा-

मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्य के छात्रों का ये हाल देखते हुए उन्होंने राज्य से अपील की है । अपनी अपील में उन्होंने कहा, “मैं आपसे विनती करता हूं, कृपया अपने जीवन को समाप्त न करें। आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है, इस आत्मविश्वास के साथ अध्ययन करें। उन्होंने साथ ही कहा की माता-पिता को भी बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए न की उन्हें तनाव देना चाहिए ” इसके साथ साथ उन्होंने घबराए हुए बच्चों को 104 डायल करके मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात करने की सलाह दी जिसके जरिए उनकी मानसिक स्थिति को ठहराव मिल सके और कुछ हद तक उनका मानसिक तनाव कम हो सके।

इस महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में NEET-आधारित प्रवेश को रोकने के लिए एक नया निर्णय लिया है जिसके मुताबिक अब बिना NEET की परीक्षा के मेडिकल कॉलेज में दाखिल ले सकेंगे। हालांकि यह निर्णय अभी तमिलनाडु सरकार ने लिया है परंतु अभी तक इसे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी नहीं मिली है और राष्ट्रपति कोविन्द के हस्ताक्षर के बाद ही ये निर्णय प्रभावी होगा, क्योंकि यह केंद्र के कानून को चुनौती देता है।

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