Vikas Dubey Encounter: 14 साल की उम्र में प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर किया था हमला, तमंचा लगाकर जाता था स्कूल

लखनऊ. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी हिस्ट्री शीटर विकास दुबे आज सुबह तड़के पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। बताया जा रहा है, यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को लेकर कानपुर आ रही थी। तभी बर्रा के पास अचानक गाड़ी पलट गई। मौका पाकर विकास दुबे एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने लगा जिसके बाद पुलिस एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई। इस हादसे में यूपी पुलिस के 4 सिपाही भी घायल हुए हैं।

कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई।

बताया जा रहा है, विकास दुबे शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का था। वह हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान कालेज में तमंचा लगाकर जाता था। प्रिंसिपल व क्लास टीचर ने उसकी पिटाई कर दी तो उन्हें रास्ते में घेरकर हमला कर दिया था।

विकास दुबे ने रसूलाबाद में रहने वाले चाचा प्रेम किशोर के यहां रहकर इंटर तक पढ़ाई की है। उसके साथ पढ़ने वाले कुछ साथियों ने बताया कि विकास शुरू से ही खूंखार रहा है। वर्ष 1984 में हाईस्कूल में राजा दरियावचंद्र इंटर कालेज में पढ़ता था। कालेज में वह अक्सर तमंचा लगाकर पहुंचता था। छात्रों के बीच दबदबा कायम करना चाहता था। वह अन्य छात्रों की तरह शिक्षकों से भी खौफ नहीं खाता था।

इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानाचार्य को हुई तो उन्होंने उप प्रधानाचार्य व उसके कक्षाध्यापक को लेकर उससे तमंचा छीन लिया था। उसकी पिटाई भी कर दी थी। इससे नाराज विकास ने दूसरे दिन कालेज जाते समय रास्ते में रोक कर शिक्षकों से मारपीट की थी। हालांकि तब छात्र होने की वजह से उस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। वह छात्रों के साथ छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करता था।

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