आजमगढ़ : बारिश से नहीं उबारा आजमगढ़, जीवित तो परेशान है ही मरने वालों का भी ठिकाना मयस्सर नहीं
आजमगढ़ शहर के एकमात्र शवदाह स्थल राजघाट पर ऐसा पानी भरा की लाशों को अब बीच रास्तों पर जलाना मजबूरी बन गई हालांकि इसके लिए भी लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
चार दिन पूर्व 6 घंटे की बारिश ने आजमगढ़ को ऐसा कि जीवित तो बहुत परेशान हैं ही मरने वालों को भी ठिकाना नहीं मिल रहा है। आजमगढ़ शहर के एकमात्र शवदाह स्थल राजघाट पर ऐसा पानी भरा की लाशों को अब बीच रास्तों पर जलाना मजबूरी बन गई हालांकि इसके लिए भी लोगों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
आजमगढ़ शहर की आबादी के लिए तमसा किनारे शवदाह स्थल है जो कि काफी पुराना है। हालांकि शहर के आसपास नदी के किनारे जहां पहले शव दाह होता था वहां पर परिबंधित कर राजघाट को विकसित किया गया।
यहां पर सरकारी विभाग व सामाजिक संगठनों की तरफ से कई कार्य किए गए हैं और किए जा रहे हैं। लेकिन चार दिन पूर्व की बारिश से यहां पर नदी का पानी भर जाने से व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति यह है कि शवों के दाह संस्कार के लिए जगह नहीं बची तो लोग रास्ते में ही अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
यहां अपने रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार करने आए लोगों का कहना है कि यहां के व्यवस्थापक जबरदस्ती पानी के बीच शव जलाने को कह रहे हैं लेकिन यह संभव नहीं है। इसलिए सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों की सिफारिश के चलते जहां पानी नहीं है वहां पर शव दाह कर रहे हैं।
रिपोर्ट – अमन गुप्ता
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