यूपी: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर हेल्थ सिस्टम में किये जा रहे तेजी से बदलाव
स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या में पहले से 15 गुना इजाफा कर दिया गया है. वहीं ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की संख्या 30 गुना तक बढ़ा दी गई है.
कोरोना महामारी से पिछले 18 महीने से देश बेहाल है. कोरोना वायरस के आने के बाद राज्यों के स्वास्थय व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. पहली और दूसरी लहर में मिले अनुभव के आधार पर अब यूपी में हेल्थ सिस्टम में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं. स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में वेंटिलेटर की संख्या में पहले से 15 गुना इजाफा कर दिया गया है. वहीं ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की संख्या 30 गुना तक बढ़ा दी गई है.
अस्पतालों में बेडों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी 75 जिलों के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार पर काम जारी है.स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेद व्रत सिंह के मुताबिक प्रदेश में कोरोना संक्रमण से पहले जहां कुल वेंटीलेटरों की संख्या 225 थी. वहीं अब सरकारी अस्पतालों में वेंटीलेटर की संख्या 3,424 हो गई है. वहीं प्रदेश में बेड़ों की संख्या पहले जहां 63,240 थी, वहीं अब 71,970 बेड हो गए हैं.
दूसरी लहर में ऑक्सीजन का देशभर में संकट छा गया. वहीं अब यूपी सरकार ने ऑक्सीजन के मामले में राज्य का आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया है. राज्य में 555 ऑक्सीजन प्लांट बनने हैं. इसमें से 409 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इसी तरह ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की संख्या पहले 587 थी, अब यह बढ़कर 19,394 हो गई है.
प्रदेश के 11 और जनपदों में बीएसएल-2 आरटीपीसीआर लैब शुरू हो गई हैं. ऐसे में अब तक 45 जनपदों में आरटीपीसीआर प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकीं हैं.वहीं 30 जिलों में भी आरटीपीसीआर लैब बनाने का काम चल रहा है. इन लैब से शुरू होने से कोरोना की जांच समय पर हो सकेंगी.
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