कोरोना के नए मामलों में आयी गिरावट लेकिन केरल के आंकड़े अभी भी बढ़ा रहे चिंता

देश के ज्‍यादातर राज्‍यों में कोरोना के नए मामलों में हाल के समय में कमी आई है. एक समय कोरोना के केंद्र बने महाराष्‍ट्र में भी केसों की संख्‍या में गिरावट देखने को मिली है लेकिन दक्षिण का राज्‍य केरल अभी भी चिंता का कारण बना हुआ है।

देश के ज्‍यादातर राज्‍यों में कोरोना के नए मामलों में हाल के समय में कमी आई है. एक समय कोरोना के केंद्र बने महाराष्‍ट्र में भी केसों की संख्‍या में गिरावट देखने को मिली है लेकिन दक्षिण का राज्‍य केरल अभी भी चिंता का कारण बना हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 30,570 नए केस सामने आए हैं। वहीं 431 लोगों की मौत हुई है।

देश में बीते 24 घंटे में 38,303 मरीज कोरोना से ठीक हो गए हैं। वहीं देश में एक्टिव केसों की संख्या 3,42,923 है। कोरोना से हुई कुल मौतों की संख्या 4,43,928 है। देश में अब तक 3,25,60,474 लोग कोरोना से डिस्चार्ज हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के दैनिक मामलों का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा अभी भी केरल से ही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल में 1.99 लाख से ज्यादा एक्टिव मामले हैं, जबकि पांच राज्यों, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 10,000 से ज्यादा एक्टिव केस हैं.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, केरल में संक्रमण के मामले घट रहे हैं. दूसरे राज्यों में भी जल्द ही मामलों में गिरावट आएगी. तीसरी लहर के खतरों के बीच उन्होंने आने वाले फेस्टिव सीजन में भी सावधानी बरतने पर जोर दिया. डॉ बलराम भार्गव ने कहा, “त्योहार नजदीक आ रहे हैं और जनसंख्या घनत्व में अचानक वृद्धि वायरस के प्रसार के लिए अनुकूल वातावरण बनाती है.”हाल ही में नीति आयोग के सदस्य और राष्ट्रीय कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने भी फेस्टिव सीजन में कोरोना मामलों के बढ़ने की संभावना जताई थी.

डॉ वीके पॉल ने कहा कि आने वाले दो-तीन महीने महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में देश में कहीं भी कोरोना केस ना बढ़ें, इस पर खास ध्यान देना होगा. इस साल के अंत तक कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर होने वाले जोखिम का आकलन करते हुए डॉ वीके पॉल ने कहा, अनुमानों के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर सबसे महत्वपूर्ण महीने हैं और उन महीनों के दौरान संक्रमण बढ़ सकता है. उन्होनें कहा कि त्योहारों के बाद मामलों में बढोतरी होती है क्योंकि त्योहारों के दौरान भीड़ इकट्ठा होती है और नागरिक कोविड-19 का बुनियादी नियम जैसे मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना भूलने लगते हैं।

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