“नंदी नाड़ी ज्योतिष” ज्योतिष शास्त्र की सबसे आसान भविष्य जानने की कला, पढ़े कैसे

दक्षिण भारत मे प्रचलित, ताड़पत्र के द्वारा व्यक्ति को उसके आने वाले जीवन के बारे में ज्ञात कराया जाता है

आदिकाल से मनुष्य अपने जीवन के बारे में जानने का जिज्ञासु रहा है। इसके लिए वो हमेशा ज्योतिषाचार्यों के पास जाता है। ज्योतिष (astrology) विद्या भी कई तरीके से मनुष्य को उसके भविष्य का बोध कराती है । मुख्य रूप से मनुष्य की कुंडली उसके जीवन का बोध कराती है। जैसे उसका जन्मांक, जन्म नक्षत्र, घड़ी आदि। ऐसी ही नंदी नाड़ी ज्योतिष विद्या है जो की आसानी से मनुष्य को उसके जीवन के बारे में बताती है।

नंदी नाड़ी ज्योतिष क्या है

दक्षिण भारत मे प्रचलित यह विद्या भागवान शंकर के अनन्य भक्त व सेवक नंदी जी के द्वारा बनाई गई है। अपनी इस अनूठी शैली के चलते ये काफी प्रचलित है। इसमें ताड़पत्र के द्वारा व्यक्ति को उसके आने वाले जीवन के बारे में ज्ञात कराया जाता है। चूँकि ये विद्या भगवान नंदी के द्वारा उत्पन्न की गई इसलिए इसे नंदी नाड़ी ज्योतिष के नाम से जाना जाता है।

नंदी नाड़ी ज्योतिष के द्वारा भविष्य जानने की विधि

विद्या के अनुसार इच्छुक व्यक्ति के अँगूठे का निशान (स्त्रीयों का बायां व पुरुषों में दायाँ) ज्योतिषाचार्य लेते हैं। फिर नाम के पहले व अंतिम अक्षर से संबंधित ताड़ पत्र ज्योतिष चुनकर आपके सामने रखते हैं। उसके बाद आपसे संबंधित जनों (माता ,पिता,पत्नी आदि) का नाम आपसे मिलापकर एक ताड़ पत्र निकालकर आपको आपका भविष्य सुनाते हैं।

इस ज्योतिष विद्या की विशेषता

इस विधि की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि आप अपनी जन्मतिथि व समय जान सकते हैं। अगर आपको अपना जन्मांक , वार, नक्षत्र पता तो आप आसानी से अपना भविष्य भी जान सकते हैं।

प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो यह ज्योतिष विद्या अन्य विद्यायों से अत्यंत सरल, सुलभ व विश्वसनीय है।क्योंकि अन्य ज्योतिष विद्यायों में 12 भावों को देखकर फलादेश निकाला जाता। जबकि इस विद्या में 16 भावों को देखकर फलादेश निकाला जाता है।

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