मुख्यमंत्री योगी का भ्रष्टाचारियों पर चला जाँच का चाबुक

योगी ने नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी शशिकांत मिश्रा व समीक्षा अधिकारी के ख़िलाफ़ विज़लेंस जाँच के आदेश दिए

योगी सरकार का भ्रष्टाचार (corruption) पर वार भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ ज़ीरो टालरेंस की नीति पर उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति विभाग के दो अफसरों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने विजलेंस जांच के निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार को भेजी गई शिकायत में नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी शशिकांत मिश्रा व अमित सिंह पर भ्रष्टाचार और ट्रांसफर-पोस्टिगं में वसूली कर अवैध संपत्ति बनाने के आरोप लगाए गए हैं।

लंबे समय से शशिकांत पर IAS की शिकायतों की जाँच व PCS की जाँच के साथ ट्रांसफर का काम देखने की जिम्मेदारी है। सीएम योगी के द्वारा विजलेंस के जांच के आदेश होने के बाद भी अभी तक दोनों अफसरों को नियुक्ति विभाग के मुखिया देवेश चतुर्वेदी और विशेष सचिव संजय सिंह की कृपा से हटाया नहीं गया है। बताया जाता है पूर्व अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मुकुल सिंघल का चहेता अनुभाग अधिकारी शशिकांत मिश्रा है ।

लगभग 24 PCS अफसरों से वसूली का आरोप लखनऊ के सीतापुर रोड निवासी संत कुमार ने नियुक्ति विभाग के अनुभाग 5 और 3 दोनों
में तैनात है। अनुभाग अधिकारी शशिकांत और अमित सिंह पर लगभग 24 अफसरों की अनुशासनिक कार्रवाई समाप्त करने की एवज में 6 से 8 लाख रुपए लेने का आरोप हैं।

शासन को भेजे गए शिकायत पत्र में 9 बिंदुओं के साथ अनुभाग अधिकारी शशिकांत पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है। लेकिन अपनी ऊँची पहुँच के चलते एक ऐसा अधिकारी जिसकी खुद विज़लेंस जाँच चल रही वह IAS और PCS की जाँच का काम देख रहा। ऐसे में नियुक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों की अनदेखी और भ्रष्टाचार में मिलीभगत साफ़ उजागर होती है

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