लखनऊ : यूजीसी अपने तुग़लकी फ़रमान पर करें पुनः विचार : वंशराज दुबे
यूजीसी अपने तुग़लकी फ़रमान पर करें पुनः विचार : वंशराज दुबे. यूजीसी के परीक्षा आयोजित कराने के आदेश पर सीवाईएसएस भड़का. छात्रों के साथ सहयोगी रवैय्या अपनाए यूजीसी : सीवाईएसएस
लखनऊ : यूनिवर्सिटी ग्रांड कमीशन ने ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द न करने का फैसला लिया है। आयोग ने माना है कि रिजल्ट जारी करने के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए।
यूजीसी के इस फैसले से आम आदमी पार्टी की छात्र विंग सीवाईएसएस (छात्र युवा संघर्ष समिति) उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ‘यूजीसी की गाइडलाइन्स ने छात्रों के समक्ष अपना तुग़लकी फ़रमान जारी करके इस वैश्विक महामारी में छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का कार्य किया है, ‘आप’ छात्र विंग सीवाईएसएस इस फ़रमान का विरोध करती है, सरकार अगर फैसले पर पुनः विचार नही करती तो सीवाईएसएस आंदोलित होने के लिए बाध्य होगी।
वंशराज दुबे ने कहा कि जब अधिकांश छात्र – छात्राएं इस कोरोना संकट काल में अपने घर गाँव में है, यूजीसी का फ़रमान ऑनलाइन-ऑफलाइन परीक्षाओं का आयोजन छात्रों के हितों में नही है जहां ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की उचित सुविधा नहीं है कि ऑनलाइन एग्जाम दे सके, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान जहां सरकार को छात्रों के साथ सहयोगी रवैय्या अपनाना चाहिए वहां सरकार तानाशाह हो रही है। यह फैसला छात्र विरोधी है।
बता दे कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 6 जुलाई को हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। पत्र में कहा गया है कि कॉलेजों के रिजल्ट तैयार करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना जरूरी है।
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