प्रमुख सचिव नोडल अधिकारी के निरीक्षण में खुली विद्यालय की पोल
प्रमुख सचिव नोडल अधिकारी के औचक निरीक्षण में खुली परिषदीय विद्यालय की पोल, साफ सफ़ाई के अलावा जर्जर बिल्डिंग, प्रधानाध्यापक भी नदारद
प्रमुख सचिव नोडल अधिकारी के औचक निरीक्षण में खुली परिषदीय विद्यालय की पोल, साफ सफ़ाई के अलावा जर्जर बिल्डिंग, प्रधानाध्यापक भी नदारद
जनपद में साफ सफाई व बेसिक शिक्षा की पोल उस समय खुल गई जब प्रमुख सचिव समाज कल्याण आजमगढ़ के नोडल अधिकारी के रविंद्र नायक शहर के एक प्राथमिक विद्यालय पर पहुंचे जहां साफ सफाई नहीं थी और प्रधानाध्यापक भी नदारद मिले।
आजमगढ़ में नगर क्षेत्र में परिषदीय विद्यालयों की खस्ताहालत किसी से छिपी नहीं है। जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चों की संख्या भी बैठने की जगह कम होने के चलते कम है, तो नया एडमिशन भी नहीं लिया जा रहा है।
इसके अलावा कोविड के चलते कई परिवार में आर्थिक स्थिति बेपटरी होने के चलते प्राइवेट स्कूल की फीस जमा न होने से बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं। फ्री एडमिशन के लिए परिजन परिषदीय विद्यालय जा रहे तो वहां भी उनको प्रवेश नहीं मिल पा रहा।
इस समस्या की शिकायत प्रमुख सचिव नोडल अधिकारी से की गई तो हालात से रुबरु होने के लिए वह खुद शहर के मातबरगंज गली में स्थित कन्या प्राथमिक पाठशाला पहुंच गए। जहां की स्थिति देख वह खुद चौंक गए। खराब हालात में बिल्डिंग में बच्चे मौजूद थे। बच्चों की संख्या भी ठीक नहीं थी। साफ सफाई नहीं थी। यह भी शिकायत मिली कि बारिश में पानी भर जाता है। गेट दो तरफ से खुला होने के चलते शाम को शराबियों व अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। एक दिन पहले ही नोडल अधिकारी ने गोआश्रय स्थल पहुंच कर स्थिति को जांचे थे।
जनपद में 22 ब्लॉक में 44 गोआश्रय हैं। सभी 278 न्याय पंचायतों में गौशाला बननी है। अभी तक 31 न्याय पंचायत, 2 नगर पालिका व 11 नगर नगर पंचायतों में गौशाला है। इसके अलावा 12 सौ किसानों को पशु पालन के लिए दिए गए हैं और 900 रु प्रतिमाह उनको प्रशासन की तरफ से मिलता है।
रिपोर्टर : अमन गुप्ता
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