कानपुर के इन 2 लोगों को पुलिस ने भेजी नोटिस, कहा- विकास दुबे को ढूंढ कर लाएं
लखनऊ. 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी मोस्ट वांटेड विकास दुबे घटना के 4 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। फरार विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस की 60 टीमों के साथ यूपी एसटीएफ की कई टीमें उसे पकड़ने के लिए लगाई गई है। पुलिस ने विकास दुबे के करीबियों और सहयोगियों पर तेजी से शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।
फरार गैंगस्टर विकास दुबे की लखनऊ के मुकदमे में जमानत लेने वाले 2 लोगों को नोटिस दी गई है। इन दोनों से कहा गया कि वे विकास को ढूंढ़ कर लाएं। इसके साथ ही इस मामले में जमानत निरस्त कराने के लिये भी एसीपी कृष्णानगर ने मंगलवार को कोर्ट में अर्जी देने की बात कही है।
एसीपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में कानपुर के दो मामलों में फरार चल रहे विकास दुबे को एसटीएफ ने कृष्णानगर में इन्द्रलोक कालोनी स्थित उसके घर से पकड़ा था। तब उसके पास अवैध असलहे भी मिले थे। इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत कृष्णानगर कोतवाली में भी एक मुकदमा लिखा गया था। इस मुकदमे में जब विकास को जमानत मिली थी, तब कानपुर के दो लोगों ने उसकी जमानत ली थी। इनमें एक बिकरू गांव का ही था जबकि दूसरा व्यक्ति कानपुर नगर का।
एसीपी ने बताया कि विकास के फरार होने के बाद जमानतदारों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह उसे लाने का प्रयास करें अन्यथा उसकी जमानत वापस लें। इसके लिये दोनों जमानतदारों को नोटिस भेजी गई है। साथ ही कोर्ट से उसकी जमानत निरस्त करने के लिये अर्जी दी जायेगी।
विकास पर शिकंजा कसेगा
एसटीएफ ने विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेई को भी हिरासत में लिया है। पूछताछ के लिए एसटीएफ जय बाजपेई को लेकर कानपुर से लखनऊ पहुंची है। बताया जा रहा है घटना से 1 हफ्ते पहले ही जय बाजपेई ने विकास दुबे के खाते में 15 लाख ट्रांसफर किए थे। वह विकास दुबे की अघोषित संपत्ति ठिकाने लगाने के साथ काली कमाई का सारा धन रियल स्टेट और शराब के कारोबार में लगाता था। पुलिस की इस कार्रवाई से विकास पर शिकंजा कसेगा।
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