चंदौली : प्रदेश के नक्शल प्रभावित जिले के इस गांव में आजादी के बाद हुए विकास से ग्रामीणों के चेहरे खिले
चार वर्ष पहले तक गांव के लोग सड़क, पानी व बिजली जैसी मुलभूति सुविधाओं से रहते थे वंचित
आजादी 75 वर्षों के बाद जहां भारत के हर राज्य का जनपद तेज़ी से तरक्की कर रहा है फिर चाहे वो शहर हो या गांव। इसका त्वरित उदाहरण उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के चंदौली जिले के चकिया के हिनौती दक्षिणी गांव भी शामिल हो गया है। जहां कुछ वर्षो पहले तक पानी के नाम पर पहाड़ी नाले और कुएं के गंदे पानी पीने को मजबूर थे। रास्तों के नाम पर केवल गड्डें युक्त सड़कें ही थी। अंधेरों में ग्रामीण अपनी रात काटनेपर मजबूर थे। लेकिन अब वर्तमान समय में यहां के भाजपा विधायक शारदा प्रसाद की मेहनत रंग लायी।
गांव में भाजपा विधायक शारदा प्रसाद के प्रयास से जहां सड़क बनी। वहीं पेयजल के लिए दर्जनों हैंडपंप लगे और गांव के लोगों को बिजली नसीब हुई । गांव के अंदर आरसीसी मार्ग बनाया गया ताकि लोगों को आवागमन में दिक्कत नहीं है। यहां के लोग गड़ई नदी के किनारे बसे हैं। जो मछली पालन के साथ-साथ पत्थर का सामान बनाकर अपना आजीविका चलाते है। बिजली नहीं थी तो लोग हाथों से हथौड़े और छेनी के माध्यम से पत्थर के सामान बनाकर बाजार में बेचते थे। लेकिन बिजली आने के बाद गांव में जहां रौशनी जगमगाई।
पत्थर का समान बनाने वाले लोगों की भी जीवन में बदलाव आया और उनकी आजीविका ठीक-ठाक हो गई। गांव के लोगों ने बताया गांव में भाजपा विधायक शारदा प्रसाद और गांव के प्रधान प्रतिनिधि मुकेश साहनी के प्रयास से गांव में बिजली आई सड़क बनी और लोगों को सुविधाएं मिली। यही नहीं पेयजल की समस्या भी दूर हो गयी।
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