सुल्तानपुर : सांसद मेनका गांधी के अथक प्रयास से जिले को मिलेगा उसका पुराना नाम “कुशभवनपुर”- रंजीत कुमार सांसद प्रतिनिधि
ख़बर सुल्तानपुर से है जहाँ आज इतिहास फिर से दोहराया जाएगा मुगलों, अंग्रेजों और अन्य आक्रांताओं ने जिस तरह हिंदुस्तान पर आक्रमण कर के यहाँ की सदियों पुरानी परंपरा और संस्कृति सभ्यताओं को नष्ट करने का पूरा प्रयास किया
ख़बर सुल्तानपुर से है जहाँ आज इतिहास फिर से दोहराया जाएगा मुगलों, अंग्रेजों और अन्य आक्रांताओं ने जिस तरह हिंदुस्तान पर आक्रमण कर के यहाँ की सदियों पुरानी परंपरा और संस्कृति सभ्यताओं को नष्ट करने का पूरा प्रयास किया लेकिन सदियों पुरानी सभ्यता को पूर्ण रूप से नष्ट न कर सकें तो उसे तो संशोधित कर डाला उसी तरह से भगवान श्री राम की जनमस्थली अयोध्या से सटे उनके बड़े पुत्र कुश के नाम पर बसी नगरी कुशभवनपुर जिले का नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया था तो वही आज फिर सुल्तानपुर की लोकप्रिय सांसद श्रीमती मेनका संजय गांधी के अथक प्रयास से सुल्तानपुर को पुनः उसकी पहचान दिलाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कर जिले का नाम सुल्तानपुर से बदलकर कुशभवनपुर करने का प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री को भेजा गया है। काफी लंबे समय से जिले सत्ताधारी इस प्रयास में जुटे भी थे। लेकिंन माननीय सांसद श्रीमती मेनका संजय गाँधी ने 2019 में सांसद बनने के बाद ही इसपर काम करना शुरु कर दिया था !
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद ही हर जिले का पुराने सांस्कृतिक नामो को वापस अस्तित्व में लाने की कवायद उत्तर प्रदेश की सरकार ने शुरू कर दी थी। जिसके क्रम में सुल्तानपुर नगर पालिका के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनाई गई बबिता जयसवाल ने अपने चुनावी एजंडे में सुल्तानपुर जिले का नाम वापस कुशभवनपुर किये जाने का वायदा करते हुए जनता के सहयोग से पालिका अध्यक्ष बन गयी,जिसके बाद उन्होंने बोर्ड की बैठक में ही सर्वसम्मति से जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा,तो वही मेनका संजय गाँधी के सांसद बनने के बाद समय समय पर सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर किये जाने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया, बाद में लंभुआ से भाजपा विधयाक देवमणि द्विवेदी ने भी जिले का नाम बदलने के लिए प्रयास किया और विधानसभा में अपनी बात कहीं।
तो वही अब चूंकि सूबे में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार है और 2022 का चुनाव भी सामने है तो सूबे की योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार भी अपने वोटरों को निराश नहीं करना चाहतीं,वैसे भी माननीय मुख्यमंत्री ने इसके पहले कई जिलों का नाम बदलकर उनके खोए हुए पुराने नाम को पुनः उसी नाम से करने की परम्परा को शुरू भी कर दिया है और अपने वोटरों को भी खुश करने के लिए जिले के नाम बदलने की कोशिश तेज कर दी है। पालिकाध्यक्ष बबिता जयसवाल वा उनके पति और प्रतिनिधि अजय जयसवाल की माने तो कुशभवनपुर जिले पर मुगल काल मे भरों को हराकर इस जिले को कब्जा कर मुगलों ने इसका नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया था,अगर हम सरकारी दस्तावेजों की बात करे तो गजेटियर में भी लिखा है कि इसका नाम कुशभवनपुर था।
बताते चलें अब जिले का नाम बदलने के लिए राजस्व परिषद ने हरी झंडी दे दी है तो जिले का नाम बदलने के लिए प्रयास करने वाले लोगों में खुशी है । जबकि स्थानीय लोगों की माने तो नाम बदलने के साथ साथ सरकार यदि जिले का आकार बदलने के काम करें तो ये ज्यादा प्रशंसनीय और स्वागत योग्य फैसला होगा ।
तो वही मार्च 2019 में सुलतानपुर पहुंचे तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक को एक किताब के साथ एक निजी संस्था ने पत्र सौंपा था जिसमें सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने का अनुरोध किया गया था। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता विजय रघुवंशी ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद मेनका गांधी के अथक प्रयास से सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर होने जा रहा है इस बाबत सांसद ने 28 मार्च 2019 में जिले का नाम सुलतानपुर से कुशभवनपुर करने के लिए तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी।शासन ने इस मामले को संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की थी। जिस पर करीब चार माह पूर्व डीएम रवीश गुप्ता ने गजेटियर का हवाला देते हुए रिपोर्ट कमिश्नरी को भेजा था। अब उसी को राजस्व परिषद ने संज्ञान लेकर शासन में भेजा है़ लोगो का मानना है कि सुलतानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुशभवनपुर नाम से जाना जाता था। माता सीता भी यहाँ आई थी और उस स्थान का नाम सीताकुंड धाम हो गया जोकि गोमती नदी के तट पर स्थित है फिलहाल अब योगी आदित्यनाथ की सरकार में और श्रीमती मेनका संजय गाँधी के अथक प्रयास से जिले को अपना पुराना नाम वापस मिलेगा।
Report—Santosh Pandey
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