डिप्टी एसपी के पत्र से तत्कालीन एसएसपी अनंत देव पर लग रहे गंभीर आरोप, सबूत के बाद भी क्यों नहीं लिया विकास दुबे पर कोई एक्शन ?

कानपुर. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में 3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने पुलिस महकमे की चूलें हिला कर रख दी है। घटना के 72 घंटे बाद भी मास्टरमाइंड विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इसी बीच कानपुर कांड में शहीद सीओ देवेंद्र सिंह की एक चिट्ठी सामने आई है। जिसमें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और मास्टरमाइंड विकास दुबे की मिलीभगत का आरोप है। वहीं तत्कालनी एसएसपी अनंत देव सिंह पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।

बताया जा रहा है, डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालनी एसएसपी अनंत देव सिंह के पास गैंगस्टर विकास दुबे से थाने की मिलीभगत की रिपोर्ट सबूत के साथ भेजी थी। उसके बाद भी कोई एक्शन न लेने और विनय तिवारी और पूरे थाने को संरक्षण देने का आरोप है। वर्तमान में अनंत देव सिंह एसटीएफ के डीआईजी पोस्ट पर तैनात हैं। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद अनंतदेव की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

AAP सांसद संजय सिंह सोमवार को विकरू गांव में शहीद हुए सीओ विल्हौर देवेंद्र मिश्रा के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को बड़ी साजिश करार देते हुए दिवंगत देवेंद्र मिश्रा का एक लेटर भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने एसओ चौबेपुर विनय तिवारी की गैंगस्टर विकास दुबे से साठ-गांठ का जिक्र करते हुए बड़ी वारदात की आशंका जताई थी।

सांसद संजय सिंह ने शहीद देवेंद्र सिंह द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखे एक पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा, “कृपया इस पत्र की एक-एक लाइन ध्यान से पढ़िये। यूपी की जनता और पुलिस वालों को गर्व होगा कि यूपी पुलिस में एक ईमानदार अधिकारी थे देवेन्द्र मिश्रा जी। जिन्होंने 14 मार्च को ही विभागीय अधिकारियों से गम्भीर घटना घटित होने की आशंका जताई थी। SO विनय तिवारी और विकास दुबे का सच खोला था।

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