सुल्तानपुर: ऊत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व जिले के प्रभारी राजा जय प्रताप सिंह के जिले में अजूबा, मुर्दे को लगा दिया गया कोरोना का टीका

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह के प्रभार वाले जिले सुल्तानपुर मेंचिकित्सा-स्वास्थ्यकर्मियों ने अजीबो-गरीब कारनामा कर डाला है। विभाग ने एक ऐसे किसान को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जिसकी तीन महीने पूर्व ही मृत्यु हो चुकी है।

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह के प्रभार वाले जिले सुल्तानपुर मेंचिकित्सा-स्वास्थ्यकर्मियों ने अजीबो-गरीब कारनामा कर डाला है। विभाग ने एक ऐसे किसान को कोरोना वैक्सीन लगाए जाने का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जिसकी तीन महीने पूर्व ही मृत्यु हो चुकी है।

गांव वाले व परिवारीजन अचंभे में हैं की आखिर कैसे और किस तरह से स्वास्थ्यकर्मियों ने इस ‘कारनामे’ को अंजाम दिया! फिलहाल प्रकरण प्रकाश में आने के बाद अब प्रशासन में हड़कंप मचा है। तो वही जिम्मेदार अफसर मामले में लीपा-पोती करने में जुट गए हैं।

पूरा मामला सुल्तानपुर के मोतिगरपुर ब्लॉक अंतर्गत शाहपुर लपटा गांव का है। इसी गांव के रहने वाले बुजुर्ग किसान रामप्यारे यादव (71)वर्ष की गत मई माह की सात तारीख को मृत्यु हो गई थी। इस बाबत उक्त विकास खंड के अधिकारियों की ओर से प्रमाणपत्र भी जारी कर परिवारीजनों को दिया जा चुका है। बावजूद इसके स्वास्थ्यकर्मियों ने उनका नाम टीकाकरण की सूची में दर्ज कर लिया। और तो और 12 अगस्त 2021 को उन्हें कोविशील्ड की पहली डोज भी (कागज) पर ही लगा दी गईं, इतना ही नहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने बुलाकर स्व. रामप्यारे के पुत्र को टीकाकरण किए जाने का प्रोविजनल प्रमाणपत्र भी सौंप दिया। हैरत में आया बेटा बार-बार अपने पिता के इस प्रमाणपत्र को लेकर अफसरों के दफ्तर में चक्कर लगाता कई दिन से घूम रहा है कि आखिर कैसे दिवंगत पिता को वैक्सीन लग गई,लेकिन कोई भी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। विदित हो कि यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ही जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।

वही इस बाबत जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डी के त्रिपाठी ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में प्रकरण संज्ञान में न होने की बात कही है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर जिम्मेदारों पर सख्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी ,स्वास्थ्य विभाग के इस अजूबे कारनामे की खबरें जब सोशल मीडिया पर गोते लगाने लगीं तो डोज लगवाने की सर्टिफिकेट को संशोधित किया गया।

स्व. यादव को जारी प्रमाणपत्र को गलत मानते हुए उनकी जगह अब उनके बेटे दान बहादुर यादव के नाम प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। विभाग के सूत्र बताते हैं कि इस तरह भयंकर लापरवाही स्वास्थ्यकर्मी अनेक लोगों के नाम कर रहे हैं। जिन्होंने टीके लगवाए नहीं, उन्हें भी प्रमाणपत्र जारी कर दिया जा रहा है।

केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य व पार्टी हाईकमान के करीबी माने जानेवाले वरिष्ठ कांग्रेसी विजय श्रीवास्तव बताते हैं, मैं स्वयं भुक्तभोगी हूं। मुझे तो जिला अस्पताल से बगैर वैक्सीनेशन ऑनलाइन टीकाकृत किए जाने का प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा !

सुल्तानपुर से सन्तोष पाण्डेय की रिपोर्ट

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