Kanpur Encounter: एसएसपी ने स्वीकारा- सिपाही नहीं, निलंबित थाना प्रभारी के कहने पर कटी थी बिजली, बताई ये वजह

लखनऊ. कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में 3 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले की घटना ने पुलिस महकमे की चूलें हिला कर रख दी है। घटना के 72 घंटे बाद भी मास्टरमाइंड विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं उसे पकड़ने के लिए 900 पुलिस जवानों की 60 टीमें लगाई गई हैं। इसी बीच हमले के दौरान बिकरु गांव की बिजली काटने के मामले में एसएसपी दिनेश कुमार का बयान आया है।

हमले के दौरान बिकरू की बिजली काटने के मामले में एसएसपी दिनेश कुमार ने स्वीकार किया है कि कॉल किसी सिपाही ने नहीं बल्कि निलंबित थाना प्रभारी ने ही की थी, हालांकि अभी मामले की जांच चल रही है। मोस्टवांटेड विकास दुबे के साथी दयाशंकर ने पुलिस को एक अहम जानकारी दी। विकास के साथी दयाशंकर ने पुलिस को बताया कि घटना से चार घंटे पहले थाने से दबिश पड़ने की सूचना मिली थी। इसके बाद विकास ने असलहों से लैस तीस शॉर्प शूटरों को बुलवाया था।

मोस्ट वांटेड घोषित हो चुके विकास दुबे को पकड़ने के लिए 60 टीमों में 900 पुलिस जवान लगाए गए हैं। आईजी मोहित अग्रवाल के मुताबिक मंडल स्तर पर पुलिस की 40 टीमों को लगाया गया है, जबकि मुख्यालय स्तर से भी 20 टीमों को मोस्टवांटेड विकास दुबे की तलाश में लगाया गया है। इसमें एसटीएफ की भी 6 टीमें शामिल हैं। इस सर्च ऑपरेशन में करीब 900 पुलिस वाले प्रदेश और प्रदेश से बाहर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश कर रहे हैं।

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