लखनऊ: CAA और NRC के वक़्त सुर्खियों में आई उजमा परवीन को पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट

असल में पुलिस ने उजमा को हाउस अरेस्ट कर लिया है। वो झंडा फहराना चाहती थीं लेकिन उनकी पहले की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने उन्हें झंडा नहीं फेराने दिया।

पिछले साल देश और प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर हुए प्रदर्शन में काफ़ी बवाल और आगजनी हुई थी। लोगों को भड़काने और उन्हें सरकार के ख़िलाफ़ करने में उजमा परवीन नामक महिला काफी आगे थी। अब एक बार फिर से उजमा परवीन का नाम सामने आ रहा है।

असल में पुलिस ने उजमा को हाउस अरेस्ट कर लिया है। वो झंडा फहराना चाहती थीं लेकिन उनकी पहले की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने उन्हें झंडा नहीं फेराने दिया।

पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट होने के बाद उजमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे उनकी आज़ादी छीनी जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि बिना किसी क्राइम के हाउस अरेस्ट करना दमनकारी नीति है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 5 बजे से ही उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

आखिर कोई बताएगा कि मेरी गलती क्या है? उजमा ने ये भी सवाल किया कि कौन सा क्राइम किया है। 15 अगस्त देश की आजादी का दिन है और मुझे इस तरह से घर में कैद करके रखा गया है।

मुझे किस जुर्म की सजा मिल रही है – उजमा परवीन

हाउस अरेस्ट होने के बाद उजमा ने योगी सरकार पे तंज कस्ते हुए उनसे सवाल किया कि क्या मेरा अधिकार नहीं है झंडा फहराने का? ये अधिकार मुझसे हर बार क्यों छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आखिर यूपी सरकार मेरे साथ ये जुल्म क्यों कर रही है। ऐसा क्या किया है, मुझे किस जुर्म की सजा मिल रही है।

बिना इजाजत सार्वजनिक स्थल पर ध्वज नहीं फेराया जा सकता

झंडा फहराने को लेकर डिप्टी पुलिस कमिश्नर (डीसीपी) पश्चिम सोमेन वर्मा ने कहा कि किसी को भी बिना परमिशन के किसी सार्वजनिक स्थल पर ध्वज फहराने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को बातचीत के जरिए रोका गया है डीसीपी ने कहा कि अगर कोई कहीं ध्वज फहराना चाहता है तो उसे परमिशन लेनी होगी।

 

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