बागपत : जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर ने दलित परिवार को मारने की धमकी, डर के मारे पीड़ित परिवार ने गांव से किया पलायन
जहां पे एक हिस्ट्रीशीटर मयंक ने गांव के एक परिवार को धमकी दी है। उसकी धमकी का असर ये है कि परिवार वालों को दमकी के चलते गांव को छोड़कर जाना पड़ रह है।
सीएम योगी द्वारा प्रदेश की पुलिस प्रशासन को अपने-अपने क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के आदेश पे पानी फिरता हुआ नज़र आ रहा है। दबंगों और बदमाशों को सीएम योगी के पुलिस प्रशासन का रत्ती भर भी डर नज़र नहीं आ रहा है। हालिया मामला सूबे के बागपत जिले का है।
जहां पे एक हिस्ट्रीशीटर मयंक ने गांव के एक परिवार को धमकी दी है। उसकी धमकी का असर ये है कि परिवार वालों को दमकी के चलते गांव को छोड़कर जाना पड़ रह है।
बागपत जिले के रमाला थाना क्षेत्र के जिवाना गांव के रणबीर हत्याकांड में जिला कारागार में बंद हिस्ट्रीशीटर मयंक ने जेल में बंद होने के बावजूद आम लोगों को डरा धमका रहे है। पीड़ित परिवार ने जिले के पुलिस प्रशासन पे भी आरोप लगाया है कि मदद मांगने के बाद भी उन्हें सुरक्षा नहीं दी गयी। इसी वजह से अपनी जान बचाने के चक्कर में पीड़ित परिवार गांव छोड़कर हरियाणा के पानीपत जा चूका है।
पुलिस मुठभेड़ में पकड़ा गया था हिस्ट्रीशीटर मयंक
असल में 10 जून को जिवाना गांव में राजकुमार और उसके बेटे विशु ने गांव के ही हिस्ट्रीशीटर मयंक के साथ मिलकर दलित किसान राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजकुमार और रणबीर के बीच खेत में मेढ़ की खरपतवार को लेकर विवाद चल रहा था। रणबीर के भाई राहुल ने आरोपी राजकुमार, उसके बेटे विशु व हिस्ट्रीशीटर मयंक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
वहीं पुलिस ने एक मुठभेड़ में आरोपी हिस्ट्रीशीटर मयंक को पकड़ लिया था, बाद में उसे जेल भेज दिया गया। जेल जाने के बाद हिस्ट्रीशीटर मयंक ने पीड़ित परिवारवालों के पास कई लोगों को समझौते के लिए भेजा पर पीड़ित परिवार नहीं माना। समझौता ना करने पर परिवार के सभी सदस्यों को जान से मारने की धमकी दे दी। धमकी से डरे हुए परिवारवालों ने कई बार पुलिस से सुरक्षा की मांग कि लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
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