सुल्तानपुर: मेनका गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों को दिया सुझाव और मूलमंत्र

खबर सुल्तानपुर से है जहां आज उत्तर प्रदेश के 2022 चुनाव में आवारा जानवरों के चलते तबाह हो रही किसानों की फसल बड़ा मुद्दा बनेगा।

खबर सुल्तानपुर से है जहां आज उत्तर प्रदेश के 2022 चुनाव में आवारा जानवरों के चलते तबाह हो रही किसानों की फसल बड़ा मुद्दा बनेगा। इसको मद्देनजर रखते हुए मंगलवार को मेनका गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानों के साथ मीटिंग में इसका सुझाव देते हुए उनको मूलमंत्र दिया और इस समस्या का उपाय बताया है।

उन्होंने कहा कि आप लोग हर दफा शोर मचाते हैं गाय घूम रही है, जानवर घूम रहे हैं। अगर आप हर गांव में जो बांझ गाय हैं या जो दुधारू गाय हैं उनका गोबर निकालें। और शव को जलाने के लिए मशीन से सामग्रियों के साथ गोबर की लकड़ियां तैयार करें तो कितना अच्छा होगा।

बताते चलें कि अपने तीन दिवसीय दौरे पर सुल्तानपुर पहुंची मेनका गांधी ने मंगलवार को दौरे के अंतिम दिन कुड़वार ब्लॉक में नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों से भेंट किया। यहां उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा हमने पीलीभीत में एक मशीन 15 हजार रुपए की खरीद कर दे दिया था। उस पर गोबर को सामग्रियों के साथ मिलाकर उसकी लकड़ियां बनवाई और जो शव जलाने के होते हैं वो लकड़ी के बजाए हम गोबर की लकड़ियों से जलाते हैं।

फिर हमने डीएम को बोला की यहां कानून बना दो यहां कोई भी लकड़ी नही काटेगा केवल गोबर की लकड़ी के सहारे ही ऐसे कार्य होगा। उससे गौशाला फल फूल गई। उससे गांव-गांव में पेड़ भी बच गए और सबके पैसे भी बच गए।

साथ ही मेनका गांधी ने आगे कहा कि प्रधान हमेशा चाहता है कि सांसद के पास जाए, विधायक के पास जाए उसे मुफ्त में खड़ंजा मिल जाए, बारात घर मिल जाए। मैं कुछ नही देने वाली हूं। मैं आपके साथ सौदा करने आई हूं, सौदा क्या है जो मैं कहूंगी वो आपको करना है और जो आप कहेंगे वो मैं करूंगी।

मेनका ने आगे कहा कि मैं चाहती हूं कि सबसे पहले आप 200 पेड़ लगाए आज के दिन से शुरु करें। वन विभाग से 200 पेड़ फलदार लेकर लगाए, जो गांव 200 पेड़ लगाएगा वो मुझसे जो ईनाम मांगेगा मैं दे दूंगी गांव के लिए। मेनका गांधी ने कहा 200 फल के पेड़, आम, जामुन, महुआ इस किस्म के जो पेड़ लगाएंगे तो चार-पांच सालों में इससे जो फल निकलेगा इससे आमदनी बढ़ेगी। उस फल का फैसा आप गांव की गरीब विधवाओं में लगा सकते हैं।

सुल्तानपुर से सन्तोष पाण्डेय की रिपोर्ट

 

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