देश में डेल्टा वेरिएंट पे की गयी एक स्टडी में सामने आयी राहत देने वाली खबर

देश के सरकारी पैनल इंसाकाग ने साफ करते हुए कहा है कि डेल्टा से पैदा हुआ डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम संक्रामक हो सकता है।

भारत में अगर हम इस वक्त कोरोना वायरस की बात करे तो देश के ज्यादातर राज्यों में तो कोरोना का असर कम होते हुए देखा जा रहा है, वहीं कुछ ऐसे भी राज्य है जहां पे कोरोना अपना प्रकोप लगातार बनाये हुए है। जिसमे सबसे ज्यादा कोरोना से ग्रसित राज्य केरल है। जहां पे एक दिन में 20 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमित सामने आ रहे है। जिसकी वजह से दिल्ली में केंद्र सरकार भी काफ़ी चिंतित है। केरल से इस वक्त पुरे देश के 50 प्रतिशत केस सामने आ रहे है।

वहीं दूसरी और कोरोना की तीसरी लहर के आने के पीछे की बड़ी वजह डेल्टा वेरिएंट को लेकर एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की स्टडी में सामने आया है कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन असरदार है। अगर ऐसा होता है तो देश को डेल्टा प्लस वेरिएंट से लड़ने में काफी मदद मिलेगी।

भारत में डेल्टा वायरस ज़्यादा खतरनाक

मेडिकल रिपोर्ट्स की माने तो भारत में मौजूद कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट बेहद खतरनाक और संक्रामक है। देश के सरकारी पैनल इंसाकाग ने साफ करते हुए कहा है कि डेल्टा से पैदा हुआ डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम संक्रामक हो सकता है। सरकारी पैनल के मुताबिक एवाई.3 को डेल्टा के नए उप-स्परूप के रूप में चिन्हित किया गया है। इस म्यूटेंट के बारे में अभी कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं है, लेकिन इसपर लगातार नजर रखी जा रही है। डेल्टा वेरिएंट 85 देशों में अभी तक दस्तक दे चूका है।

विशेषज्ञों ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं. यह चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैलता है। सरकारी आकड़ो के मुताबिक मई, जून और जुलाई में हर 10 कोविड -19 मामलों में से लगभग 8 मामले अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के थे।

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