फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट में मिलेगी हर तरह की सुविधा, इस देश के प्रोफेसर करेंगे शिरकत

फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट को बनाने के पीछे का असल मकसद उन अपराधियों को पकड़ना है जोकि तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस से बच जाते है।

प्रदेश में पुलिस और बाकि जांच एजेंसियो को मजबूत बनाने के लिए पिछले साल सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट को हरी झंडी दी थी। सरोजनीनगर के पिपरसंड इलाके में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट का भव्य भवन जल्द तैयार होगा। इंस्टिट्यूट के जरिये पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को फॉरेंसिक साइंस के बारे में शिक्षा व जानकारी देने के साथ ही ट्रेनिंग और रिसर्च के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।

फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट को बनाने के पीछे का असल मकसद उन अपराधियों को पकड़ना है जोकि तकनीक का इस्तेमाल करके पुलिस से बच जाते है। जहां तक पुलिस के द्वारा जो तकनीक उपयोग में लाई जाती है। वो अभी काफ़ी पुरानी है। इसी को अपडेट करने में फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट काफ़ी कारगर साबित होगा।

गृहमंत्री अमित शाह करेंगे शिलान्यास

प्रदेश में बन रहे फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का शिलान्यास खुद गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। 1 अगस्त को गृहमंत्री लखनऊ पहुंचेंगे। करीब 36 एकड़ जमीन पर बनने वाला फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट यूपी में अपनी तरह का अनोखा संस्थान होगा। इसकी लागत 350 करोड़ रुपए के आसपास है। यही नहीं इंस्टिट्यूट में एकेडमिक ब्लॉक के साथ ही प्रशासनिक भवन, महिला व पुरुष हॉस्टल, लेक्चर हॉल, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, गेस्ट रूम, प्ले ग्राउंड, स्विमिंग पूल, स्टूडेंट यूनियन के लिए एक भवन और कैंटीन होगी।

इज़राइल करेगा फॉरेंसिक की बारीकियां समझाने में मदद

सरोजनीनगर में बने इस फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की खास बात ये है कि यहां पे इज़राइल के एक्सपर्ट यूपी के फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक से जुड़ी चीजों को समझाएंगे। तकनीकी की दुनिया में इज़राइल भारत से काफ़ी आगे है। इसी को देखते हुए भारत तकनीकी क्षेत्र में अपने मित्र देश की साहयता करता आया है।

फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट में यूपी और देश के अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं के साथ ही नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के स्टूडेंट भी एडमिशन ले सकेंगे।

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