बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने विधानसभा चुनावों में गठबंधन को लेकर कहीं ये बड़ी बात

2017 के फॉर्मूले पे चलते हुए मायावती की पार्टी इस बार भी अकेले दम पे 2022 के विधानसभा चुनावों में उतरेगी। इसकी शुरुआत बसपा ने अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन से शुरूकर दिया है।

2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां अपने पत्ते सोच समझ के खोल रही है, पर मायावती की पार्टी बसपा के साथ ऐसा कुछ होते हुए दिख नहीं रहा है। बसपा ने आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर किसी भी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन करने से मना कर दिया है। 2017 के फॉर्मूले पे चलते हुए मायावती की पार्टी इस बार भी अकेले दम पे 2022 के विधानसभा चुनावों में उतरेगी। इसकी शुरुआत बसपा ने अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन से शुरूकर दिया है।

 

अयोध्या के बाद प्रयागराज में आयोजित किये गए ब्राह्मण सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मिडिया से बात करते हुए ये बात साफ़ कर दी कि 2022 के विधानसभा चुनावों में बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। सतीश चंद्र मिश्रा ने ये भी कहा कि चुनाव में बीएसपी छोटी या बड़ी किसी भी पार्टी से कोई समझौता नहीं करेगी।

ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन को नकारा

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ बसपा का गठबंधन को लेकर काफ़ी चर्चा चल रही थी। इसी पे बोलते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से बीएसपी का कतई कोई समझौता नहीं हो सकता है। यही नहीं उन्होंने ओवैसी पे तंज कस्ते हुए कहा कि सभी को पता है ओवैसी यूपी में किसके कहने पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी यूपी में क्या करना चाहते हैं, ये जानकारी सभी को है। चुनाव में बीएसपी ओवैसी या किसी की भी पार्टी से कोई समझौता नहीं करेगी।

बीजेपी पे साधा निशाना

संगम नगरी प्रयागराज से सटे कौशांबी जिले में बसपा की एक संगोष्ठी में मिडिया से बात करते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी को ब्राह्मण विरोधी पार्टी बताया। साथ ही ब्राम्हण समाज के लोगों को ये भी बताया कि उनका हित सिर्फ बहुजन समाज पार्टी में ही है।

यही नहीं उन्होंने 2007 की बात याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2007 के चुनाव में जब ब्राह्मण समाज के लोग भारी संख्या में जीतकर विधानसभा पहुंचे तो बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उन्हें उचित सम्मान दिया था। कैबिनेट मंत्री के अलावा दर्जा प्राप्त मंत्री भी तमाम लोगों को बनाने का काम किया था।

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