तो इस वजह से युधिष्ठिर ने स्त्री जाति को क्यों दिया था श्राप

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है। महाभारत को विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य ग्रंथ माना जाता है।

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है। महाभारत को विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य ग्रंथ माना जाता है। महाभारत के अनुसार पांडव 5 भाई युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे, लेकिन उनकी माता कुंती का एक और पुत्र भी था। जिसका नाम कर्ण था। कर्ण माता कुंती को शादी से पहले सूर्यदेव की कृपा से प्राप्त हुआ था। वहीं कुंती ने समाज के डर से कर्ण को त्याग दिया था और साथ ही अपने पांचों पुत्रों को कर्ण के बारे में नहीं बताया था।

महाभारत को धर्म युद्ध भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धर्म की रक्षा करने के लिए पांचों भाईयों ने ये युद्ध किया था। महाभारत के मुताबिक कर्ण दुर्योधन का मित्र था। युद्ध से पहले कुंती कर्ण को बता देती हैं कि वो उनका पुत्र है और साथ ही वो उनके पांचो पुत्रों का बड़ा भाई भी है। इसलिए वह ये युद्ध न करें। लेकिन अपने वचन से बंधे होने के कारण वो ये युद्ध लड़ते हैं और और अर्जुन के हाथों मारे जाते हैं।

कर्ण की मृत्यु के बाद जब कुंती अपने पुत्रों को ये बताती हैं कि वह उनका भाई था, तो ये बात जानकर सभी भाई निराश हो जाते हैं और युधिष्ठिर को अपनी माता पर इतना क्रोध आता है कि वो कुंती कि वो सम्पूर्ण स्त्री जाति को श्राप देते हैं कि कोई भी स्त्री बहुत अधिक समय तक कोई भी बात गुप्त नही रख पायेगी। कहा जाता है कि इस श्राप का प्रभाव आज भी स्त्री जाति पर देखने को मिलता है।

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