चीन को अपनी ही वैक्सीन पर भरोसा नहीं, दोनों डोज ले चुके लोगों को अब देगा जर्मनी का बूस्टर शॉट भी
चीन को अपनी ही कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं है. शायद इसलिए चीन वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को अब बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा है.
चीन को अपनी ही कोरोना वैक्सीन पर भरोसा नहीं है. शायद इसलिए चीन वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को अब बूस्टर डोज देने की तैयारी कर रहा है. फोसुन फार्मा और जर्मनी के बायोएनटेक की MRNA वैक्सीन का बूस्टर डोज उन लोगों को दिया जाएगा, जो चीनी वैक्सीन लगवा चुके हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारी कॉमिरनाटी नाम की वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने का विचार कर रहे हैं. बता दें कि चीन ने 140 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का दावा किया है.
इस वैक्सीन का इस्तेमाल आमतौर पर अमेरिका और यूरोप में किया जा रहा है, लेकिन फोसुन के पास चीन में वैक्सीन के निर्माण और वितरण का विशेष अधिकार है. बायोएनटेक की वैक्सीन मौजूदा वक्त में चीनी सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही है, ये टीका वायरस के प्रति 95% तक प्रभावशाली है.
चीन ने बूस्टर डोज देने का फैसला ऐसे वक्त लिया है, जब मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे देशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इन देशों में चीनी वैक्सीन लगाई गई है. चीनी टीके वायरस के प्रति 50% से लेकर 80% तक प्रभावी हैं, जो मॉडर्ना और फाइजर टीकों की तुलना में कम प्रभावी हैं.
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