एटा : कोरोना वैक्सीन के बहाने आशा कार्यकर्ता ने करवा दी युवक की नसबंदी
जब उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा पेश कर रहे थे
जब उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा पेश कर रहे थे आरोप है कि उसी दिन उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में मनाए जा रहे विश्व जनसंख्या पखवाड़ा के तहत एक आशा कार्य कत्री द्वारा कोरोना का टीका लगवाने के बहाने से ले जाकर एक अविवाहित युवक की धोखे से नसबंदी करवा दी। बाद में जब पीड़ित युवक के घर वालों को पता चला तो पीड़ित युवक ध्रुव कुमार के भाई अशोक कुमार ने एटा जनपद के अवागढ़ थाना में तहरीर देकर कोरोना का टीका लगवाने के बहाने से धोखे से नसवंदी करवा देने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जिसमे एक 40 साल के युवक ध्रुव कुमार के परिजनों ने छेत्र की स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा कार्य कत्री पर कोरोना का टीका लगवाने के बहाने से धोखे से ले जाकर नसबंदी करा देने का आरोप लगाया है।यही नही इस मामले की एक तहरीर भी पीड़ित ध्रुब कुमार के भाई अशोक कुमार ने एटा जनपद के जैथरा थाना में दी है जिसमे उन्होंने आरोप लगाया है कि नीलम नाम की एक आशा उसके घर से उसके भाई ध्रुब कुमार को कोरोना का टीका लगवाने के बहाने से एटा जिला महिला अस्पताल ले गयी और वहाँ उसने धोखे से ध्रुब कुमार की नसबंदी करवा दी।थाना प्रभारी अवागढ़ को दिए अपने प्रार्थना पत्र में अशोक ने आरोपी आशा कार्यकत्री और नसबंदी करने वालों पर कार्यवाही की मांग की है।
ये मामला अजीबोगरीब था इसलिए इसमे थाना अध्यक्ष ने सीधे कार्यवाही न करके एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक पत्र लिखकर जांच करवाने की मांग की।इस पर एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा डॉ0 उमेश कुमार त्रिपाठी ने तीन सदस्यों टीम बनाकर जांच टीम बनाई जिसमे डॉ0 सुधीर कुमार एसीएमओ,आरिफ डीपीएम, जुबैर खान डीसीपीएम शामिल हैं।इस मामले में पूरी जांच टीम ने संयुक्त रूप से जांच कर आज रिपोर्ट सीएमओ को दौप दी है।
रिपोर्ट के अनुसार आशा कार्यकत्री को निर्दोष बताया गया है और ये कहा गया है कि युवक ध्रुब कुमार की नसबंदी उसके भाई ,भाभी और उसकी सहमति से की गई। इस बारे में पीड़ित ध्रुब कुमार की भाभी मिथिलेश का कहना है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बहाना करके आशा कार्यकत्री लिवाकर ले गयी और वहाँ जाकर नसवंदी करवा दी।हम थाने पर एफआईआर लिखवाने आये हैं।
इस पूरे मामले में एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विश्व जनसंख्या पखवाड़ा के दौरान ये आशा कार्यकत्री ध्रुब कुमार के परिवार के संपर्क में आई और 11 जुलाई 2021 को परिवार की सहमति से ही ध्रुब कुमार को लेजाकर नसबंदी करवाई। उन्होंने कहा कि धोखे से नसबंदी करवाने की बात गलत है क्योंकि नसबंदी से पहले कॉउंसलिंग होती है, बातचीत होती है। उन्होंने कहा कि जांच टीम पीड़ित से मिलने उसके गाँव विशनपुर गयी थी पर परिजनों ने ध्रुव कुमार को कही छिपा दिया और मिलने नही दिया। उन्होंने ये भी कहा कि ये कहना गलत है कि पीड़ित ध्रुब गूंगा और बहरा है। उन्होंने कहा कि गाँव के प्रधान और अन्य लोगों ने लिखित में दिया है कि ध्रुब कुमार बोल भी लेता है और सुन भी लेता है। उन्होंने कहा कि सही बात का पता तो ध्रुब से बात करके ही पता चलेगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में कौन मिस गाइड कर रहा है ये जॉच का विषय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लाये गए विश्व जनसंख्या दिवस पर ड्राफ्ट से इस मामले का कोई लेना देना नहीं है।
रिपोर्ट- विकास दुबे
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