लखनऊ : चिकित्सा उपकरण खरीद घोटाले का मामला, चिकित्सा मंत्री, प्रमुख सचिव सहित कई डाक्टरों के खिलाफ AAP सांसद संजय सिंह ने दी तहरीर

बच्चों की जिंदगी से खेलने वाले  भ्रष्टाचारियों की जगह मंत्रालय और सचिवालय नहीं, बल्कि जेल में है - संजय सिंह

लखनऊ : कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के नाम पर प्रदेश भर में बन रहे विशेष वार्डो के लिए चिकित्सकीय उपकरण खरीद में हुए घोटाले के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने लड़ाई तेज कर दी है। मामले में चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना, प्रमुख सचिव आलोक कुमार सहित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के निदेशक एवं मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य को आरोपित बनाते हुए के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से हजरतगंज कोतवाली में तहरीर दी गई है।

यह जानकारी देते हुए सांसद संजय सिंह ने दो टूक कहा कि बच्चों की जिंदगी से खेलने वाले ऐसे भ्रष्टाचारियों की जगह मंत्रालय और सचिवालय नहीं, बल्कि जेल में है। अगर तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो कोर्ट जाएंगे। 6 महीने इंतजार करिए नई सरकार आते ही लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले ये सारे भ्रष्टाचारी जेल में होंगे।

संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तीसरी लहर की आशंका के नाम पर बड़े पैमाने पर चिकित्सा विभाग में घोटाला हुआ । बच्चों के वेंटीलेटर सहित तमाम चिकित्सकीय उपकरण खरीदने के नाम पर हुए इस घोटाले से संबंधित मैंने सारे कागज सामने रखें कि जो वेंटिलेटर उत्तर प्रदेश के केजीएमयू में 10 लाख रुपये में खरीदा जा रहा है वही उत्तर प्रदेश की सरकार दूसरे मेडिकल कालेजों में 27, 22 या 37 लाख आदि मनमाने दाम में खरीदे जा रहे हैं। तमाम मॉनिटर आदि उपकरण जो बाजार में सस्ते दाम पर मिल रहे हैं उत्तर प्रदेश की सरकार 2 गुना, 3 गुना, 4 गुना महंगे दामों में खरीद रही है। इसको कहते हैं श्मशान में दलाली खाना। इसको कहते हैं लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना।

आप बच्चों के वेंटिलेटर के नाम पर घोटाला कर रहे हैं, भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उसके बाद देखिए खुद मंत्री सुरेश खन्ना इस भ्रष्टाचार के समर्थन में इसके पक्ष में बयान दे रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। जबकि, कागजात चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं घोटाला हुआ है। सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बढ़े दामों में खरीद की है।

एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान में भी महंगे दामों में खरीद की हुई है। एक ही कंपनी के एक ही वेंटिलेटर दो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दामों में खरीदा गया है। इसीलिए चिकित्सा मंत्री सुरेश खन्ना, प्रमुख सचिव आलोक कुमार, एसजीपीजीआई के डॉक्टर आलोक धीमन, लोहिया संस्थान की डॉक्टर सोनिया नित्यानंद सहित तमाम मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल के खिलाफ थानाध्यक्ष हजरतगंज लखनऊ को तहरीर दी है और उनसे इन लोगों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करने की मांग की है।

अगर एफ आई आर दर्ज नहीं हुई तो इस मामले को कोर्ट में लेकर जाऊंगा और न्यायालय में इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराऊंगा। कार्रवाई नहीं होती है तो 6 महीने का इंतजार कीजिए। नई सरकार बनेगी तो तत्कालीन सबके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

संजय सिंह ने कहा कि आदित्यनाथ के मंत्री और अधिकारी घोटाले का कोई मौक़ा चूकना नहीं चाहते। कोरोना के नाम पर हुए घोटाले का खुलासा करने के बाद बुधवार को मैंने मंत्री और उनके अधिकारियों के ख़िलाफ़ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में धारा 409, 119, 120B, 13 (2) और 15 में एफ आई आर दर्ज करने की तहरीर दे दी है। संजय सिंह ने बताया कि पूरी तहरीर का एक एक तथ्य हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पीसीएस संघ के अध्यक्ष हरिशंकर पांडेय जो विधि के अच्छे जानकार हैं हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी हैं, उन्होंने तैयार किया है।

प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता एवं लखनऊ के जिला अध्यक्ष वैभव माहेश्वरी के साथ हरिशंकर पांडेय जी ने यह तहरीर खुद कोतवाली जाकर दी है । हमारी पार्टी के पदाधिकारी जल्द ही लोकायुक्त से भी इस मामले की शिकायत करेंगे। यह कोई ऐसा मामला नहीं, जिसे छोड़ दूंगा। यह लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ मामला है। लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करके करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है। महामारी के दौरान लोगों की जान से खेलने वालों की जगह जेल में है ।

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