बहराइच – कोविड में जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को घर बैठे उपलब्ध करायी जा रही प्रमाणित खतौनी

जिसके तहत वारिसानों के घर पहुंचकर राजस्वकर्मियों द्वारा खतौनी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जा रही है। जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र ने बताया कि कानपुर देहात में भी यह योजना शुरू की गई थी।

कोविड के चलते जान गवा चुके किसानों के वारिसानों को वरासत के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र द्वारा अनोखी पहल शुरू की गई है। जिसके तहत वारिसानों के घर पहुंचकर राजस्वकर्मियों द्वारा खतौनी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जा रही है। जिलाधिकारी डा.दिनेश चन्द्र ने बताया कि कानपुर देहात में भी यह योजना शुरू की गई थी।

जिसके सार्थक परिणाम सामने आये थे। बहराइच में भी सभी तहसीलों के एसडीएम को इस आशय के निर्देश दे दिए गए है। जिस पर अमल भी शुरू कर दिया गया है। अभियान के तहत तहसील मोतीपुर के ग्राम बखारी में मृतक सीताराम के निधन के उपरांत पत्नी मुनाकी देवी को तहसीलदार विनय कुमार द्वारा खतौनी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी गई।

वहीं इसी अभियान के तहत तहसील महसी के ग्राम नथुवापुर निवासी विनय कुमार पुत्र राघवराम व मुरौव्वा के प्रमोद, संतोष, नानमून, आशीष कुमार, मनीष कुमार पुत्रगण जगलाल की वरासत दर्ज कर एसडीएम एस.एन.त्रिपाठी व तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा द्वारा खतौनी की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी गई।

गौरतलब हो कि जिलाधिकारी के इस पहल से काश्तकारों को तहसीलों के चक्कर काटने से निजात मिल सकेगी। क्योंकि वरासत के लिए उन्हें वर्षों लेखपाल व तहसील की चौखट नापनी पड़ती थी।

रिर्पोटः-
कुंवर दिवाकर सिंह

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