गोंडा – पूर्व प्रधान द्वारा दलित महिला प्रधान को दी जा रही है मानसिक प्रताड़ना

यह जीत पूर्व प्रधान व उनके दबंग साथियों को हजम नहीं हो रहा है और इन व्यक्तियों द्वारा लगातार इस दलित महिला प्रधान को अपमानित व जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर बार बार मानसिक प्रताड़ना की जाती है।

ग्राम पंचायत चुनाव में इस बार तरबगंज थाना क्षेत्र का चंदीपुर गांव अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित था। चुनाव के बाद गांव की दलित महिला सुन्दरपती ने जीत दर्ज की। यह जीत पूर्व प्रधान व उनके दबंग साथियों को हजम नहीं हो रहा है और इन व्यक्तियों द्वारा लगातार इस दलित महिला प्रधान को अपमानित व जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल कर बार बार मानसिक प्रताड़ना की जाती है।

महिला ने आरोप लगाते हुए पहले तरबगंज थाने पर व बाद में एसपी गोण्डा से शिकायत करते हुए कहा कि गांव के सुशील कुमार सिंह उसके घर आकर प्रधानी न करने की धमकी देते है कहते है, कि अगर प्रधानी करना हो तो जो वह कहे वही करो, गांव का जितना भी विकास कार्य हो उसमें उसे कमीशन दे। अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो उसके साथ अच्छा नहीं होगा। यहां तक भी कहा जाता है कि उसे अपने जान से हाथ धोना पड़ सकता है।

दलित महिला की जीत जिन्हें नहीं पच रही है उनके हाथों में प्रधान पद पिछले 70 सालों से था। आरक्षण के बावजूद भी डायरेक्ट या इनडायरेक्ट एक ही परिवार के लोग गांव के मुखिया के पद पर काबिज थे। लेकिन गांव में विकास के नाम पर सिर्फ ग्राम पंचायत के पैसों का बन्दरबांट किया गया। यहां तक इस दलित महिला प्रधान का घर देखकर आप खुद अंदाज़ा लगा सकते है कैसे इस गांव के एक बड़े समूह को आवास, शौचालय, सड़क,पानी व योजनाओं से वंचित रखा गया।

यही कारण रहा कि इस चन्दीपुर गांव के ग्रामीणों ने गांव की सरकार दूसरे के हाथ मे देने का फैसला लिया और अनुसूचित महिला आरक्षण होने के बाद एक दलित महिला को प्रधान बना दिया। यही बात इन रसूखदारों व दबंगों को पसंद नहीं आई। जिसका नतीजा यह हुआ कि इस दलित महिला प्रधान को इन दबंगों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पीड़ित दलित महिला प्रधान ने इसकी शिकायत तरबगंज थाने में की, लेकिन एसओ ने इस शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। इन पहुँच वालो के आगे तरबगंज थाने की पुलिस ने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने अब एसपी गोण्डा से मदद की गुहार लगाई है।

रिपोर्ट – शिवा नन्द मिश्रा

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