लखनऊ : यूपी में प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक के टीचरों की होगी जांच

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बहु चर्चित “अनामिका प्रकरण” के बाद अब प्रदेश के विवि एवं कॉलेजों में कार्यरत सरकारी शिक्षक-कर्मचारियों की सर्विस बुक से लेकर प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हो गई। प्राइमरी से उच्च शिक्षा तक के प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी होगी। कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों को निर्धारित प्रफोर्मा पर सर्विस बुक के रिकॉर्ड देने होंगे। कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों को अंगूठे के निशान भी देने होंगे। सरकार सर्विस बुक को डिजिटलाइज्ड फॉर्मेट में करने जा रही है।
इस सम्बन्ध में शासन ने विवि को प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश से प्राथमिक से उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्र संबंधित विवि में जांच को भेजे जाएंगे। विवि कमेटी बनाते हुए इन प्रमाण पत्रों की जांच करते हुए शासन को रिपोर्ट देंगे। अनामिका प्रकरण के बाद शासन ने प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराने को एसआईटी गठित कर रखी है।
मदरसा बोर्ड में भी हड़कंप, यहां भी होगी सबकी जांच 
अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षक मामले की आंच मदरसा शिक्षा परिषद तक भी पहुँच चुकी है, शिक्षा से सम्बंधित अन्य विभागों की तरह मदरसा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी अब जांच होगी। मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों पर जारी इस आदेश से मदरसा बोर्ड में हड़कंप मच गया है।
प्रदेश के 558 अनुदानित मदरसों में हजारों की संख्या में शिक्षक तैनात हैं। अब इन सभी के अंक पत्रों व अनुभव प्रमाण पत्रों की जांच होगी। निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण ने जांच के लिए पत्र जारी किया है, यह पत्र रजिस्टर ,मदरसा शिक्षा परिषद को लिखा गया है।

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