अपनी जान गवाकर भी अविष्कारों के इतिहास में सुनहरे पन्नों में लिख गए अपना नाम

आविष्कार मानवजीवन को सरल बनाने के लिए किये जाते है। ताकि लोग अपना काम बिना किसी परेशानी के कर सके।

आविष्कार मानवजीवन को सरल बनाने के लिए किये जाते है। ताकि लोग अपना काम बिना किसी परेशानी के कर सके। आज हमारे पास मोबाइल की सुविधा उपलब्ध है, नेट की कनेक्टिविटी मौजूद है। जिससे हम कुछ ही सेकेंडो या मिनटों में सारी दुनिया के बारे में जान सकते है। कोई अविष्कार करना या उसे और ज्यादा उन्नत बनाना बिलकुल भी आसान नहीं है। इस काम में वैज्ञानिकों को सालों लग जाते है। कभी-कभी तो कुछ लोग एक अविष्कार को पूरा करने में अपना पूरा जीवन लगा देते है, और कुछ विद्वान लोगों ने तो अविष्कार को सफल करने के प्रयास में अपनी जान गवाई है।

ऐसे ही कुछ विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के बारे में हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताने वाले है। जिनके आविष्कार तो बहुत उपयोगी साबित हुए, लेकिन अफसोस कि उनके अपने ही आविष्कार उनकी मौत की वजह बन गए। तो चलिए जानते है उनके बारे में –

हॉरेस लॉसन हन्ली 

अमेरिका के समर काउंटी में जन्मे हॉरेस लॉसन हन्ली ने हाथ से चलने वाली पनडुब्बी का आविष्कार किया था। हालांकि, ऐसा बताया जाता है कि परीक्षण के दौरान उनकी पनडुब्बी समुद्र में डूब गई थी, यहीं नहीं इस परीक्षण दौरान वो भी अपने क्रू-मेंबर्स के साथ पनडुब्बी में मौजूद थे।

हेनरी स्मोलिंस्की

हेनरी स्मोलिंस्की ने साल 1973 में उड़ने वाली कार का आविष्कार किया था, जिसका नाम उन्होंने ‘एवीई मिजार’ रखा था। लेकिन टेस्ट करने के लिए जब वो अपनी कार में बैठे तो कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उनकी मौत हो गई।

फ्रांज रीचेल्ट

ऑस्ट्रिया के रहने वाले फ्रांज रीचेल्ट को आधुनिक विंगसूट का आविष्कारक कहा जाता है। हालांकि, इसकी टेस्टिंग के लिए पेरिस के एफिल टावर से कूदने के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उस समय वो केवल 33 साल के थे।

मैरी क्यूरी 

रेडियम और पोलोनियम नामक दो तत्वों की खोज करने वाली मशहूर भौतिकविद और रसायनशास्त्री मैरी क्यूरी की मौत साल 1934 में इन दोनों तत्वों को खोज ते वक्त हो गयी थी। दरअसल, मैरी क्यूरी रेडियोएक्टिविटी पर काम कर रही थीं, लेकिन मैरी क्यूरी बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था कि ये तत्व कितने खतरनाक साबित हो सकते है।

विलियम बुलोक 

अमेरिका के ग्रीनविले में जन्मे विलियम बुलोक को रिचर्ड मार्च होई के बनाए ‘रोटरी प्रिंटिंग प्रेस’ और उन्नत बनाने के लिए जाना जाता है। विलियम बुलोक की मौत अपनी ही प्रिंटिंग मशीन को ठीक करने के दौरान हुई थी।

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