लखनऊ: एफपीओ के जरिये जैविक खेती को पंख लगाएगी यूपी सरकार
जन और जमीन की सेहत, भूगर्भ जल को रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता रही है।
जन और जमीन की सेहत, भूगर्भ जल को रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए जैविक खेती को प्रोत्साहन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता रही है। जैविक खेती में उत्पादन, पैकेजिंग और विपणन को पंख लगाने के लिए अब कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सशक्त माध्यम बनाया जाएगा। सरकार की मंशा के अनुरूप कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
इसके तहत पूर्व में ब्लॉकवार गठित क्लस्टरों को अनिवार्य रूप से एफपीओ में तब्दील कर दिया जाएगा। साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए लोगो बनाए जाएंगे और विपणन के विस्तार के लिए नगरीय क्षेत्र के आवासीय इलाकों में सप्ताह में दो दिन स्पेशल कैंप लगाए जाएंगे। यह सब कुछ होगा परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई)/नमामि गंगे योजना के अंतर्गत।
प्राकृतिक खेती/जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर प्रदेश सरकार ने 25 जून को एक वेबिनार का आयोजन किया था। इसमें कृषि विभाग के अधिकारियों, विशेषज्ञों के साथ जैविक खेती करने वाले किसानों की भी सहभागिता रही। वेबिनार में आए सुझावों के बाद अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कृषि निदेशक, मंडी परिषद के निदेशक, सभी जिलाधिकारियों व यूपी डास्प के तकनीकी समन्वयक को नई कार्ययोजना के संबंध में दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
जैविक खेती को विस्तारित करने के लिए पहला महत्वपूर्ण काम होगा पहले से कार्यरत क्लस्टरों को एफपीओ के रूप में परिवर्तित करने का। इसके लिए विकास खंडों को एक इकाई मानकर शुरुआत होगी। पिछले साल तक गठित क्लस्टरों को एफपीओ में परिवर्तित करने की कार्यवाही 31 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी।
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