दुःखद : गौतमबुद्ध नगर में छत से गिरे बच्चे का इलाज कराने के लिए छह अस्पताल भटका पिता

गौतमबुद्ध नगर : छत से गिरे बच्चे का इलाज कराने के लिए छह अस्पताल भटका पिता।

घायल बच्चे को निजी एंबुलेंस के सहारे के अस्पताल से दूसरे अस्पताल के काटने पड़े चक्कर।

कोरोना संक्रमण के काल के बीच सरकारी व निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की लापरवाही कम नहीं हो रही है।

बुधवार को भी एक पिता को छत से गिरकर घायल हुए अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए छह अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े। अंत में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज मिला है।

जानकारी होने पर अब सीएमएस ने जांच की बात कही है।

कासना के डाढ़ा गांव में रहने वाले गुलशन कुमार का आरोप है कि पुत्र देव (1) बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे मकान की दो मंजिला छत से गिर गंभीर रूप से घायल था।

इलाज के लिए बच्चे को ग्रेनो स्थित आइवरी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को एक निजी एंबुलेंस से सीएचसी बिसरख रेफर कर दिया।

यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने सिटी स्कैन व एक्सरे की सुविधा नहीं होने की बात कहकर ग्रेनो स्थित यथार्थ अस्पताल रेफर कर दिया।

यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल में सिर्फ कोविड मरीजों का इलाज होता है। इसलिए उन्हें नोएडा केे सेक्टर-110 वाले यथार्थ अस्पताल जाना होगा।

यहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि इलाज में करीब 25 हजार रूपये का खर्च आएगा। पैसा जमा करने पर ही उपचार शुरू होगा, लेकिन जब उन्होंने रुपये जमा करने में असमर्थता जताई तो बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने बाल रोग विशेषज्ञ व सिटी स्कैन सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने की बात कहकर बच्चे को सफदरजंग अस्पताल ले जाने को कहा।

वहां से बच्चे को दिल्ली से सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां बच्चे को भर्ती कर उसका उपचार किया जा रहा है। उसकी हालत स्थित है।

निजी एंबुलेंस में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने में करीब 3600 रुपये का खर्च आया है।

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