कोरोना काल में तेज़ी से बढ़ रहा लोगों का स्क्रीन टाइम जिससे आपको भी हो सकती हैं ये समस्या

 एक नए अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान स्क्रीन पर ज्यादा समय दिए जाने से लोगों की नींद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अध्ययन का यह निष्कर्ष स्लीप पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि लाकडाउन के दौरान इटली में इंटरनेट का इस्तेमाल एक साल पहले इसी अवधि की तुलना लगभग दोगुना बढ़ गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का प्रमुख योगदान रहा है, क्योंकि लोग लंबे समय तक अपने घरों पर बंद रहे. ब्रिटेन के फील-गुड कॉन्टैक्ट्स की रिपोर्ट जिसमें लैंसेट ग्लोबल हेल्थ, डब्ल्यूएचओ, और स्क्रीन टाइम ट्रैकर डेटा रिपोर्टल जैसे अलग स्रोतों से डेटा मिला था. जनसंख्या के आकार और घनत्व का इसमें बड़ा प्रभाव पड़ा है.
इसमें शोधकर्ताओं ने पिट्सबर्ग स्लीप क्वालिटी इंडेक्स और इंसोमिया सिविरिटी इंडेक्स प्रणाली से नींद की गुणवत्ता और अनिद्रा के लक्षणों का आकलन किया। दूसरा सर्वेक्षण 21-27 अप्रैल 2020 के दौरान किया गया।

साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन लिस्ट में एक बाहरी का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि यहां ऑनलाइन खर्च किए गए घंटे कम हैं लेकिन आंखों की रोशनी के नुकसान की दर अधिक है. चीन में उपयोगकर्ताओं द्वारा स्क्रीन के साथ बिताए गए औसतन 5 घंटे और 22 मिनट की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे 27.4 करोड़ लोग या 14.1 फीसदी आबादी को प्रभावित किया है.

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