पीरियड्स के दौरान इस वजह से महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने पर होती हैं पाबंदी, जानिए सच्चाई
माहवारी चक्र महीने में एक बार होता है, सामान्यतः 28 से 32 दिनों में एक बार। हालांकि अधिकतर मासिक धर्म का समय तीन से पांच दिन रहता है परन्तु दो से सात दिन तक की अवधि को सामान्य माना जाता है।
आज भी कई महिलाएं मासिक धर्म के दौरान कपड़े का ही इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से पहले ना तो वो कपडे को धोती हैं ना ही धूप में सुखाती हैं, जिस वजह से कपड़े में जीवाणु पैदा हो जाते हैं।
इस गंदे कपड़े का दोबारा इस्तेमाल करने का मतलब होता है कई गंभीर बीमारियों को न्योता देना। ऐसे में माहवारी के दौरान स्वच्छता का खास ख्याल रखना चाहिए।
महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म से गुजरना पडता है। ऐसे समय में उन्हें कपड़े की जगह सैनिटरी नैपकिन, टिशू पेपर, हैंड सैनिटाइजर, तौलिए, एंटीसेप्टिक दवा हमेशा अपने साथ रखनी चाहिए।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं की किचन और मन्दिर में एंट्री पर रोक लगा दी जाती है। आपने देखा होगा कि अक्सर हमारे बड़ों ने हमें कई काम को करने से यह कहते हुए रोका है इस वक्त ये काम करना अशुभ होता है।
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