लखीमपुर खीरी : श्मशान घाट में अस्थियों का अंबार, अब मोक्ष का हैं इंतजार…
लखीमपुर खीरी-कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार तो हो गया, लेकिन उनका अंतिम सफर अब भी अधूरा है। करीब 250 संक्रमितों की अस्थियां अब भी श्मशान घाट में रखी हुई हैं, जिन्हें अपनों के आने का इंतजार है। वहीं, श्मशान घाट प्रबंधन भी इस आस में इन्हें संभाले हुए है कि शायद इनका कोई अपना इन अस्थियों को कभी भी लेने आ सकता है।
श्मशान घाट में अस्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए श्मशान घाट के महापात्रा काफी चिंतित हैं। लॉकरों में अस्थियों को सुरक्षित रखा गया है। घाट में इतनी अस्थियां एक साथ रखने की क्षमता नहीं है। हालांकि, अस्थियों की संख्या ज्यादा होने के बाद उन्हें बाहर भी रखा गया है।
लखीमपुर शहर में स्थित श्मशान घाट में 250 से ज्यादा अस्थियां रखी हुई हैं। इनमें से ज्यादातर अस्थियां संक्रमण से मरने वालों की हैं। कई कारणों से मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार के बाद फूल चुनने और उसके बाद अस्थियां लेने के लिए श्मशान घाट में नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में श्मशान घाट में लगातार अस्थियों की संख्या बढ़ रही है। इसके पीछे कई कारण भी हैं। संक्रमित होने से जिनकी मौत हुई है, परिवार के सदस्यों को भी डर है कि वह भी संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा लॉकडाउन होने को भी कारण माना जा रहा है।
बीते दिनों रोजाना होते थे 25-30 अंतिम संस्कार
श्मशान घाट प्रबंधन के अनुसार, लखीमपुर शहर में स्थित श्मशान में रोजाना 25 से 30 शव दाह संस्कार के लिए आते थे। सभी का दाह संस्कार नगर निगम की टीम के सदस्य पीपीई किट पहन कर करते हैं। श्मशान घाट पर खुले स्थान में भी दाह संस्कार किया गया।
महापात्रा बोले-दसवें दिन होती हैं अस्थियां विसर्जित
श्मशान घाट के महापात्रा अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि अंतिम संस्कार करने के बाद लोग अपनों के फुल चुनने के लिए आते हैं। उसके बाद अस्थियों को श्मशान घाट के लॉकर में रखकर जाते हैं। लोग नौवें दिन की रात या फिर दसवें दिन तड़के अस्थियों को लेकर गंगा घाट को जाते हैं। वहां पर पूरी क्रिया करने के बाद अस्थियों का विसर्जन किया जाता है।
खुद करेंगे विर्सजन
श्मशान घाट प्रबंधन महापात्रा अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि जिनकी अस्थियां उनके अपने लेने नहीं आएंगे, उनकी अस्थियां हम खुद लेकर प्रयागराज जाएंगे और विधि-विधान से उनकी अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
संवाददाता :- फरूख हुसैन
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