देश के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीतकर स्टार बनने में पहलवान सुशील कुमार को 15 साल लगे, लेकिन वह केवल 18 दिन में अपराधी बनकर सलाखों के पीछे पहुंच गया। जहां एक समय कुश्ती उसके सहारे ऊंचाईयों तक पहुंची थी, वहीं अब सुशील के कारण ही कुश्ती पर दाग लग गया है। सुशील को पहलवान कुछ दिन पहले तक अपना आदर्श मानकर ओलंपिक मेडल का सपने देखते थे।
अब हर किसी के जहन में यह बात चल रही है कि मर्डर केस में दोषी ठहराए जाने के बाद क्या सुशील कुमार से उनके सभी पदक और अवार्ड वापस ले लिए जाएंगे? इस बात से कानूनविद्धों ने इन्कार किया है।उनकी नजरों में सुशील अब अपराधी बन चुका है।
पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित साहनी के मुताबिक अभी तक के नियमों के अनुसार शारीरिक जांच में स्टिरॉइड मिलने पर ही किसी खिलाड़ी को दिए आवार्ड या उसके द्वारा जीते पदक वापस लिए जा सकते है। ऐसा अमेरिका में हो चुका है। लेकिन इस केस में तथ्य अलग हैं।वहीं अधिवक्ता अमित साहनी के मुताबिक, सुशील कुमार को केंद्र व दिल्ली सरकार ने कई सम्मान दिए हैं जो वे वापस लिए जा सकते हैं। अदालत में दोषी पाए जाने के बाद सरकार सम्मान वापस ले सकती है।