योगी जी ना करतें ऐसी गलती ,तो शायद ना होता प्रदेश का इतना बुराहाल?
योगी जी! इतने बुरे हालात से गुजर रहा प्रदेश ? फिर भी गरीब -पीड़ित लोगों के मददगार बनें अखिलेश
भारत मे वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण अब उत्तर प्रदेश बहुत बुरे हालातों से गुजर रहा हैं हालात ऐसे हैं कि जिस गंगा को स्वच्छ रखने की केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार कसमें वादे खाई आज उसी गंगा की धार में नजर आए भयावह मंजर.गंगा नदी में लाशें बह रही थीं तो किनारों पर रेत में न जाने कितने शव दफन थे.इस खौफनाक भयवाहक स्थिति होने का कारण सिर्फ औऱ सिर्फ योगी सरकार के सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था जिसके कारण आज पूरा उत्तर प्रदेश बदहाली की स्थिति से गुजर रहा हैं
योगी जी ना करतें ऐसी गलती ,तो शायद ना होता प्रदेश का इतना बुराहाल?
राजनैतिक सियासत में पूर्व कि सरकार अखिलेश यादव द्वारा जनता के हितों में बनाई -चलाई गई.तमाम सारी योजनाओं को सत्ता बदलतें ही वर्तमान की सरकार ध्वस्त कर अपनी नई योजनाओं का जनता के बीच शिलान्यास कर अपनी बड़ाई करती रही ।. कुछ ऐसे ही हाल है रहा उत्तर प्रदेश का .जहा पूर्व में समाजवादी पार्टी से रहें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राममनोहर लोहिया के आदर्शो पर जनता के हितों में तमात सारी नई योजनाओं को जनता के लिए सुचाररूप से चलाया जिसके बाद प्रदेश की जनता को कॉफी हद तक हर प्रकार की समस्याएँ खत्म हो गई.
.चाहें वो प्रदेश में चलाई गई डायल 100 हो, या फिर महिला हेल्पलाइन नम्बर 1090 हो ,या फिर गर्भवती महिलाओं के लिए 102, 108 नम्बर की एम्बुलेंस सेवा हो .साथ ही प्रदेश के सभी अस्पतालों में दवा, ऑक्सीजन, बेंटिलेटर ,डॉक्टरों का स्टॉप ,इन सभी व्यवस्था को बेहतर बनाया था। लेकिन सत्ता बदलतें ही नशे में चूर वर्तमान की योगी सरकार पूर्व में जनता के हितों में बनाई -चलाई गई सरकारी योजनाओं में परिवर्तन कर अपने सिस्टम से चलना शुरू किया. फिर भी पूर्व सरकार जैसी सुविधाएं नही मिल पा रहीं है. जिसका नतीजा ये रहा कि कोविड महामारी के दौरान योगी सरकार पर खुद ही पार्टी के कई मंत्री ,विधायक, सांसद, पत्र और बयान देकर सरकार की खराब व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।
पत्र पढ़ टेंशन में रहें योगी नही दिया जबाब ?
शिकायत पत्रों में कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन डॉक्टरों और दवाइयों की असुविधा सम्बन्धी शिकायतें लिखी थी गौरतलब है कि पहले भी राज्य के कैबिनेट मंत्रियों से लेकर सांसद, विधायक और पार्टी के पदाधिकारी तक सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं. कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक का इस संबंध में पत्र काफ़ी चर्चा में रहा और उन्होंने साफ़तौर पर लिखा था कि लखनऊ में इतिहासकार योगेश प्रवीन का निधन महज़ इसलिए हो गया क्योंकि उन्हें समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सकी. बावजूद इसके मुख्यमंत्री का ‘सब कुछ होने’ का दावा लोगों को हैरान करने वाला है.
विकास मॉडल प्रदेश में बह रही हैं लाशें नोच रहें कुत्ते कौए?
प्रदेश की इतनी भयवाहक स्थिति को देखते हुए प्रदेश के दयावान सपा प्रमुख अखिलेश यादव बेहद परेशान हैं .परेशानी की वजह महज विकास मॉडल प्रदेश की लचर व्यवस्था से जोड़कर देखा जा रहा हैं .क्योंकि जिन्होंने पूर्व में जनता के लिए बेहतर सुविधा बनाकर जनता को मुहैया कराया हो .आज उसी प्रदेश की ऐसी व्यवस्था भला वो कैसे देख सकता हैं.
इन्हीं सब हालातो को देखते हुए समाजवादी पार्टी के सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश भर के सपा कार्यकताओं को पार्टी कि ओर से निर्देश जारी कर बताया कि आप लोग गरीब पीड़ित परिवारों और दवा ऑक्सीजन के अभाव से परेशान रहे लोगों के मददगार बनें. जहां तक हो सकें उनकी पूरी देखभाल करें और कोविड प्रोटोकॉल का बखूबी से सभी लोग फॉलो करें .इस गूँगी बहरी सरकार से सावधान रहें।
आंकडे जारी कर बताते हैं सब कुछ ठीक – ठाक, फिर लूटते हैं वाहवाही ?
मंगलवार को सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश भर में कुल जहां 32,993 नए संक्रमित मिले हैं वहीं 265 लोग संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई ।
बता दें उत्तर प्रदेश में पिछले साल कोविड महामारी शुरू होने के बाद संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 11 हज़ार से ऊपर हो चुकी थी और तीन लाख से ज़्यादा लोग अभी भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं. फिलहाल हर दिन इस संख्या में हज़ारों का इज़ाफ़ा हो रहा है।
सीनियर संवाददाता
डी के त्रिपाठी
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